भोपाल। प्रदेश में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस एवं सत्तारूढ़ भाजपा पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का हितैषी होने का दावा कर रहे हैं। इसके बावजूद भी भाजपा में पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष का पद पिछले दो महीने से खाली है। यह स्थिति तब है, जब भाजपा में इन दिनों धना-धना नियुक्ति आदेश जारी हो रहे हैं। खास बात यह है कि हाल में संगठन की बैठक में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने नियुक्तियों पर सवाल भी उठाए थे, लेकिन अभी तक भाजपा संगठन पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म करने के बाद भाजपा अब ओबीसी हितैषी होने पर जोर दे रही है। यही वजह है कि बुधवार को प्रदेश कांंग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान करने के तत्काल बाद भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा भी ओबीसी को 27 फीसदी से ज्यादा टिकट देने का ऐलान कर दिया है। खास बात यह है कि भाजपा संगठन के पास ओबीसी का पक्ष रखने के लिए कोई भी बड़ा ओबीसी पदाधिकारी नहीं है। जो ओबीसी पदाधिकारी हैं, उन्हें भाजपा संगठन ने ओबीसी आरक्षण मामले में आगे नहीं बढ़ाया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा अध्यक्ष पद से भगत सिंह कुशवाह ने 14 मार्च का इस्तीफा दे दिया था।
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