उज्जैन। प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर एक जुलाई से पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा। प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण के लिए बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक वर्ष पहले यह तारीख तय की थी। तब केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसके लिए दिशा-निर्देश दिए थे। जुलाई से प्रतिबंधित होने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन करने वाले 28 उद्योगों को 30 जून तक उत्पादन की अनुमति दी गई है। ये उद्योग रोजाना 16 से 20 मीट्रिक टन उत्पादन करते हैं। मप्र सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में सिंगल यूज प्लास्टिक पहले ही प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। 2017 में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पालीथिन पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन स्थानीय निकाय दोनों का पालन नहीं करवा पा रही है। कभी-कभार खानापूर्ति के लिए कार्रवाई की जाती है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद विकल्प के रूप में स्टील के बर्तन, कागज, गन्नों की खोई, माहुर के पत्ते से भी दोने-पत्तल का उपयोग किया जा सकेगा।
इन पर लगेगा प्रतिबंध
सिंगल यूज प्लास्टिक में शामिल प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, मिठाई के बक्से, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट पर लपेटे जाने वाली प्लास्टिक तथा 100 माइक्रोन से कम के पीवीसी बैनर, प्लास्टिक स्टिक, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, झंडे और कैंडी की प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम की स्टिक, सजावट के लिए पालीस्टाइनिन थर्मोकोल के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।
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