नई दिल्ली। आम को फलों का राजा कहा जाता है। इसके साथ ही इसे राजकीय फल का दर्जा भी मिला हुआ है। भारत में अलग-अलग इलाकों के आमों की भी अपनी खासियत है। दशहरी, चौसा और लंगड़ा आम का नाम तो आपने खूब सुना होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका अधिकतम वजन पांच किलो तक हो सकता है। भारी वजन की वजह से यह आमों की मलिका के तौर पर मशहूर है। इस आम का नाम नूरजहां है।
‘नूरजहां’ किस्म के आम के एक फल का अधिकतम वजन पांच किलोग्राम तक का हो सकता है। इस खास किस्म के आम का उत्पादन करने वाले किसानों को उम्मीद है कि मौसम की मेहरबानी रही, तो इस बार आम की पैदावर अच्छी होगी और इसका वजन भी ज्यादा होगा। नूरजहां आम की प्रजाति अफगानिस्तानी मूल की मानी जाती है।
मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा इलाके में नूरजहां आम के गिन चुने पेड़ मिलते हैं। गुजरात से सटा यह इलाका इंदौर से करीब 250 किलोमीटर दूर है। एक उत्पादक के मुताबिक, आम 15 जून तक पककर तैयार हो जाएंगे। उनका कहना है कि इस बार एक आम का वजन चार किलोग्राम से ज्यादा हो सकता है।
देश-विदेश के अमीर लोगों का यह पसंदीदा आम माना जाता है। इस आम की लोग एडवांस में ही बुकिंग कराते हैं। भारत में आपको आमतौर पर आम 60 से 70 रुपये प्रति किलो मिल जाते हैं, लेकिन नूरजहां आम के सिर्फ एक फल की कीमत 2000 रुपये तक होती है।
अफगानिस्तान में सबसे पहले नूरजहां आम की पैदावर हुई। (1577-1645) मुगल काल की एक शक्तिशाली रानी नूर जहां थीं जिनके नाम पर इस आम का नाम रखा गया है। कट्ठीवाड़ा इलाके में नूरजहां आम की पैदावर होती है जो मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले में स्थित है। एक मीडिय रिपोर्ट के मुताबिक, आम उत्पादक ने बताया कि बीते साल एक फल का वजन औसतन 3.80 किलो था।
आम उत्पादक ने बताया कि गुजरात के कई लोग अभी से आम के फलों की बूकिंग के बारे में पूछ रहे हैं। उनका कहना है कि इस बार नूरजहां के एक आम को एक हजार रुपये से दो हजार रुपये तक की कीमत पर बेचने पर विचार किया जा रहा है। बीते साल एक फल 500 रुपये से 1500 रुपये में बेचा गया था। बागवानी के जानकारों के मुताबिक, नूरजहां आम के पेड़ों पर आमतौर पर जनवरी-फरवरी महीने में बौर आने लगता है। यह फल जून के पहले 15 दिनों में पक जाता है। इस आम के फल 11 इंच तक लंबे हो सकते हैं। इस आम की गुठली का वजन 200 ग्राम तक होता है।
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