– देश के सबसे बड़े 37 टन पीतल धातु से निर्मित महाघंटे का किया लोकार्पण
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने रविवार को मंदसौर (Mandsaur) के प्रवास के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर (Pashupatinath Temple) प्रांगण में सहस्त्र शिवलिंग महादेव (Sahastra Shivling Mahadev) की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा पूजा-अर्चना के साथ की। इसका निर्माण लगभग 4 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से किया गया है। इसी दौरान मंदिर में स्थापित देश के सबसे बड़े 37 टन पीतल धातु से निर्मित महाघंटे का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री यहां लगातार 3 दिन से मंदिर परिसर में चल रहे यज्ञ की पूर्णाहुति में भी शामिल हुए।
इस दौरान भानपुरा पीठ के महाराज शंकराचार्य ज्ञानान्द जी तीर्थ, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, सांसद सुधीर गुप्ता सहित विधायक, जन-प्रतिनिधि, बड़ी संख्या में नागरिक और धार्मिक श्रद्धालु मौजूद थे।
अद्भुत है भारतीय सनातन संस्कृति – मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति सचमुच में अदभुत है। भारतीय धरा पर बच्चों को बचपन से ही धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो और विश्व का कल्याण हो, का पाठ पढाया जाता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन को सार्थक बनाना है तो पशुपतिनाथ भगवान दर्शन के लिए मंदसौर जरूर आइए। मंदसौर में जन्म लेने वाले सभी लोग सौभाग्यशाली हैं।
मुख्यमत्री ने मंदसौर वासियों का आहवान किया कि वे शिवना नदी शुद्धिकरण में सहयोग का संकल्प लें। शासन और आम जनता शिवना के शुद्धिकरण का कार्य मिलकर करें। उन्होंने कहा कि हर वर्ष 8 दिसम्बर को मंदसौर का गौरव दिवस मनाया जायेगा। इस दिन मैं भी मंदसौर आऊँगा।
उन्होंने कहा कि संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले बटुकों को भी छात्रवृत्ति प्रदान करने निर्णय शासन ने लिया है। ऐसे मंदिर जिनके नाम जमीन नहीं है, उन मंदिर के पुजारियों को 5 हजार रुपये मानदेय दिया जायेगा। मंदिर की जमीन पुजारी नीलाम कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने आहवान किया कि महाशिवरात्रि पर पूरा मंदसौर शहर दीपों से जगमगाये। सभी लोग अपने घर, आँगन एवं सम्पूर्ण शहर का दीपों से श्रंगार करने का संकल्प ले। कार्यक्रम को भानपुरा पीठ के शंकराचार्य ज्ञानान्द जी तीर्थ ने भी संबोधित किया।
शंकराचार्य ज्ञानान्द तीर्थ एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दशपुर प्राच्य शोध संस्थान मंदसौर द्वारा प्रकाशित “अद्वितीय सहस्त्रलिंग” पुस्तक का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने रूद्राक्ष का पौधा रोपा
मुख्यमंत्री चौहान ने पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपा सहस्त्रलिंग मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना कर अभिषेक भी किया। उन्होंने भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर मंदसौर जिला और प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं जन-कल्याण की कामना की।
उल्लेखनीय है कि सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का भूमि-पूजन वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा ही किया गया था। मंदिर लगभग 4 वर्ष में बनकर तैयार हुआ है। शिवना नदी के तट पर निर्मित यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए यह एक नया तीर्थ होगा। सहस्त्र शिवलिंग महादेव की मूर्ति को विदेशी आक्रमणकारियों ने शिवना नदी में फेंक दिया था, जिसे लगभग 50 वर्ष पहले शिवना नदी के गहरीकरण के दौरान नदी से बाहर निकाला गया।
रानी पद्मावती बाईसा छात्रावास का भूमि-पूजन
मुख्यमंत्री चौहान ने रेवास देवड़ा रोड पर राजपूत समाज के रानी पद्मावती बाईसा छात्रावास का भूमि-पूजन भी किया। (एजेंसी, हि.स.)
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