नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार सिर्फ गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) में जीत हासिल करने के लक्ष्य (Goal to Win) के साथ ही नहीं चल रही है (Not Running), बल्कि वह साल 1985 (Year 1985) के कांग्रेस (Congress) की 149 सीट पर जीत के रिकॉर्ड (Record of Winning 149 Seats) को तोड़कर (To Break) नया रिकॉर्ड बनाना चाहती है (Wants to set a New Record) । कांग्रेस ने साल 1985 में हुये विधानसभा चुनाव के दौरान माधवसिंह सोलंकी के नेतृत्व में 182 में से 149 सीटों पर जीत हासिल की थी। उसके बाद से कांग्रेस और भाजपा दोनों इतनी बड़ी संख्या में सीटों पर जीत हासिल नहीं कर पाये हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुजरात के भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश में काम करते हुये इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिये जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा करीब तीन दशक से गुजरात में सत्ता में है, लेकिन अब भी पार्टी कांग्रेस के 1985 के रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाई है। भाजपा के प्रदेश प्रमुख इस साल के विधानसभा चुनाव में यह रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं।
सी आर पाटिल न सिर्फ भाजपा के एक प्रमुख रणनीतिकार हैं बल्कि वह मोदी और शाह के करीबी तथा भरोसेमंद भी हैं। पाटिल के साथ भाजपा हर समय साथ खड़ी रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के भाजपा प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति पर व्यंग्य करते हुये कहा था कि भाजपा प्रदेश प्रमुख के पद के लिये राज्य के किसी व्यक्ति को नहीं ढ़ूंढ पाई। भाजपा नेताओं ने तब पाटिल का समर्थन करते हुये केजरीवाल की गृहभूमि को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये थे। पाटिल महाराष्ट्र के जलगांव के हैं।
पाटिल साथ ही यह भी प्रयास कर रहे हैं कि आम आदमी पार्टी (आप) गुजरात में अपनी जडें़ न जमा पाये। वह आप के करीब 500 कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को भाजपा में शामिल कर चुके हैं। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि पाटिल के नेतृत्व में कई जिला इकाइयों के आप कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुये हैं। पाटिल हर संभावित खतरे को पहचान लेते हैं और वह यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आप इस चुनाव में बड़ी चुनौती के रूप में न उभर पाये।
प्रदेश प्रमुख पार्टी की ब्रांडिंग करने में भी लगे हुये हैं। भाजपा के स्थापना दिवस यानी छह अप्रैल को भाजपा सांसद और नेता जिस कैप को पहने दिखे, वैसा ही कैप मार्च में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद अहमदाबाद के रोडशो में पहना था।यह कैप सूरत में ही डिजाइन हुआ था और वहीं इसे बनाया गया था। ऐसा सुनने में आया है कि पाटिल ने यह कैप बड़ी संख्या में बनवाया था और 11 मार्च को जब नरेंद्र मोदी गुजरात आये तो उस दौरान इसे प्रचलित किया गया। राज्य के मुख्यमंत्री भी अहमदाबाद के रोडशो में इस कैप को पहने दिखे थे।
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