- फर्श पर पड़ा था पत्नी का शव, पति की लाश फंदे पर लटकी मिली
- दोनों के बीच थी अनबन, कोर्ट में भी विचाराधीन था मामला
भोपाल। खंडवा के एक दंपति की लाश शाहपुरा स्थित झुग्गी बस्ती में बंद कमरे में मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने दोनों शव ककब्जे में लेकर पोस्टामर्टम के लिए रवाना कर दिए थे। दोनों बॉडी का पोस्टमार्टम परिजनों की अगवाही में जारी है। जिसके बाद में बॉडी परिजनों को सौंप दी जाएगी। पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों में करीब एक साल से विवाद चल रहा था। पति ने पत्नी को मायके से वापस अपने घर लेजाने के लिए धारा-9 के तहत अदालत में परिवाद दायर किया था। वहीं फि लहाल दोनों बच्चे मां के साथ रह रहे थे। वहीं पुलिस का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि दोनों ने आत्महत्या की है या पति ने पत्नी की हत्या के बाद खुद फ ांसी पर झूला है। दरवाजा अंदर से बंद था, जिस कारण किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा वारदात को अंजाम देने जैसी स्थिति नहीं बताई जा रही है।
शाहपुरा थाने के एएसआई करोड़पति मिश्रा ने बताया कि रंजीता चाकरे (35), जितेंद्र चाकरे(38) दोनों खंडवा के बामनिया गांव के रहने वाले थे। दोनों के दो बच्चे हैं। बेटी 13 साल की है, जबकि बेटा 9 साल का है। दोनों मजदूरी करते हैं। रंजीता के माता-पिता कुछ सालों से भोपाल में रहने लगे हैं। आठ दिन पहले रंजीता अपने बेटे के साथ भोपाल आई थी। उसी ने फ ोन कर पति जितेंद्र चाकरे को भोपाल बुलाया था कि आओ, मैं तुम्हारे साथ ससुराल चलने को तैयार हूं। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात दोनों कालूराम के किराये के मकान में सोने गए थे। जहां सुबह दोनों की लाश एक ही कमरे में मिली है। कालूराम जितेंद्र का जीजा है, उसने दो साल से किसी लक्ष्मण सिंह नाम के व्यक्ति का मकान किराये पर ले रखा है। बताया जा रहा है कि करीब एक साल से पति-पत्नी अलग-अलग रह रहे थे। दोनों में विवाद चल रहा था। फि लहाल दोनों बच्चे मां रंजीता के साथ रह रहे थे। रंजीता के माता-पिता का तर्क है कि कोर्ट ने बच्चों की कस्टडी उनके बेटी को दी थी, हालांकि इस संबंध में रंजीता के भोपाल में रहने वाले माता-पिता ने कोई दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध नहीं करा सके हैं। खंडवा कोर्ट में जितेंद्र ने करीब छह माह पहले धारा 9 के तहत परिवाद दायर किया था, जिसके तहत वह मायके में रह रही अपनी पत्नी को वापस अपने घर ले जाना चाह रहा था। पत्नी के कॉल के बाद लेने आया था पति
संदिग्ध अवस्था में दोनों की लाश एक साथ मिलने के बाद तरह-तरह के कायास लगाए जा रहे हैं। एएसआई मिश्रा ने बताया कि आठ दिन पहले रंजीता भोपाल में रहने वाले माता-पिता के यहां रहने आई थी। अभी तक की जांच में सामने आया है कि रंजीता ने ही पति को फ ोन कर खंडवा से भोपाल बुलाया था। जिस कमरे में दोनों की लाश मिली है, उसे कालूराम भामोरे ने दो साल पहले किराये पर लिया था। कालूराम जितेंद्र का जीजा है।