मुरैना। शनिवार को उस समय एक बड़ा हादसा होने से बच गया जब नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी (New Delhi-Bhopal Shatabdi) से चम्बल के बीहड़ों से निकला एक ऊंट टकरा गया। चालक ने गाड़ी का हार्न बजाकर रेलवे लाइन से इस ऊंट (removal of camel) को हटाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली, हालांकि चालक के प्रयासों से शताब्दी एक्सप्रेस बड़ी दुर्घटना (Shatabdi Express major accident) का शिकार होते-होते बच गई। गाड़ी का इंजन ऊंट के ऊपर से निकल गया। ऊंट इंजन के पीछे के जनरेटर व ब्रेकयान के पहियों में फंस गया। जिसे काट-काटकर बाहर निकाला गया।
घटना की जानकारी मिलते ही सरायछोला थाना पुलिस, रेल पुलिस सहित रेल विभाग का अमला मौके पर पहुंच गया था। इस घटना के कारण इंजन में खराबी आ गई। ग्वालियर से नया इंजन भेजा गया तब गाड़ी घटना स्थल से रवाना हो सकी। इस दौरान दो घंटे तक यात्री गाड़ी में बैठे-बैठे परेशान होते रहे। इस घटना का प्रभाव लम्बी दूरी की पांच बड़ी गाडिय़ों पर भी देखा गया।
शताब्दी एक्सप्रेस से दुर्घटना होने के कारण अपट्रेक पर आवागमन बंद हो गया था। इस कारण पंजाबमेल एक्सप्रेस 4 घंटे 50 मिनट, मंगला एक्सप्रेस 2 घंटे, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 1 घंटे 20 मिनट तथा ताज व खजुराहो इंटरसिटी रेल गाडिय़ां एक-एक घंटे की देरी से मुरैना पहुंची। दोपहर बाद तक अपट्रेक की स्थिति सामान्य हो पाई। पुलिस बल यह जांच कर रहा है कि यह ऊंट किसका है और बीहड़ों में कैसे आया। इस घटना के कारण आगरा से लेकर ग्वालियर तक रेल विभाग में अफरा-तफरी का माहोल बना रहा। इसका मुख्य कारण आज छोटी रेल लाइन से बड़ी रेल लाइन में परिवर्तित हो रहे ग्वालियर-श्योपुर रेलवे ट्रेक का निरीक्षण करने के लिये उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सहित रेल विभाग का सम्पूर्ण अमला मुरैना में ही मौजूद था।
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