भोपाल। मकान बनाने में अब आम आदमियों के साथ घोखा नहीं हो पाएगा। इसके लिए नगरीय निकायों में बिल्डिंग परमिट और मकान के नक्शे की जांच पड़ताल टीएनसीपी के मानदंडों के अनुसार किया जाएगा।दोनों के आन लाइन आवेदनों को इंटिग्रेटेड किया जाएगा। मानदंड के अनुसार भवन अनुज्ञा और प्रोजेक्ट को बनाने की मंजूरी एक हफ्ते के अंदर अपने आप मिल जाएगी। नगरीय निकाय अब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग टीएनसीपी के प्लानिंग एरिया को नजर अंदाज कर भवन अनुज्ञा और कॉलोनाइजर को कॉलोनियां काटने की अनुमति नहीं दे पाएंगे। क्योंकि निकायों की भवन अनुज्ञा और टीएनसीपी के ले-आउट प्लानिंग की ई-सेवाओं को इंटिग्रेटेड किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले पुरानी संपत्तियों को ऑन लाइन करना होगा, जिसके लिए निकायों को एक वर्ष का समय दिया गया है। निकायों के भवन अनुज्ञा का पूरा डाटा टीएनसीपी की प्लानिंग एरिया और मास्टरप्लान साफ्टवेयर एक होगा। इसमें संबंधित निकाय के मास्टर प्लान, कोलोनियों की प्लानिंग एरिया का डाटा ऑन लाइन अपलोड किया जाएगा। इससे निकायों में भवन अनुज्ञा की अनुमति तभी मिलेगी जब दोनों डाटा आपस में मैच करेंगे। यानी कि प्लानिंग एरिया में जिस जगह फ्लोर एरिया रेश्यो एफएआर सात होगा, वहां नगरीय निकाय मनमानी से एफएआर बढ़ाकर दस नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा आवासीय भूमि में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए निकाय अनुमति नहीं दे सकेंगे।
जीआईएस सर्वे का पूरा डाटा होगा ऑन लाइन
जीआईएस सर्वे का पूरा डाटा अब ऑन लाइन होगा। वर्तमान में 152 जीआईएस सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है, बांकी शहरों का जीआईएस सर्वे चल रहा है। इससे यह देखा जा सकेगा कि शहर के किस एरिया में बहुमंजिला भवन बना है, किस एरिया में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं और किन क्षेत्रों से निकायों को कितना राजस्व मिल रहा है। इससे संबंधित निकायों को टैक्स वसूली करने, प्लानिंग एरिया के अनुसार निर्माण करने तथा अवैध निर्माण को रोकने में आसानी होगी।
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