ताई, इंदौर की जनता ने आपको आठ बार जिताया ही नहीं, बल्कि पचाया भी
इंदौर। देशभर में सडक़ों, ओवरब्रिजों का जाल बिछाने और पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की बजाय वैकल्पिक ईंधन उपायों पर काम करने वाले केन्द्रीय सडक़ व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road and Transport Minister Nitin Gadkari) कल इंदौर (Indore) में कुछ आयोजनों में शामिल हुए, जिनमें सुमित्रा महाजन ताई पर लिखी किताब का विमोचन समारोह भी शामिल रहा, जिसमें उन्होंने बेबाकी से अपनी बात कही और चुटकियां भी लीं। ताई के लिए उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी को लाभ भी नहीं पहुंचाया और सिद्धांतों की राजनीति करती रहीं।
लाभ मण्डपम् कल इस आयोजन में खचाखच भरा था और देर से आए लोगों को बाहर लगी स्क्रीन पर कार्यक्रम देखना पड़ा, वहीं स्वागत-सत्कार इतना अधिक लम्बा खिंच गया कि कार्यक्रम में बैठे लोग बोर भी होने लगे और गडकरी ने भी अपने भाषण में इसे गलत बताया और भाजपा के पार्टी विथ डिफरेंस के नारे की भी याद दिलाई,वहीं ताई के संदर्भ में गडकरी ने चाय के प्याले का उदाहरण दिया और कहा कि जब उसमें शकर डाली जाती है तो चमचा लगता है। यानी राजनीति में भी बिना शकर यानी चासनी के कोई जुड़ता नहीं है, लेकिन ताई की खासीयत यह रही कि उन्होंने अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया और किसी तरह के विवादों में भी नहीं रही और इंदौर वालों का अभिनंदन है कि उन्होंने आठ बार ताई आपको जिताया ही नहीं, बल्कि पचाया भी। गडकरी ने यह भी कहा कि विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, सब भूतपूर्व हो जाते हैं, लेकिन कार्यकर्ता कभी भूतपूर्व नहीं होता और ताई, आप ऐसी ही कार्यकर्ता हो जो कभी भूतपूर्व नहीं हो सकती। आयोजन में शहर के प्रबुद्धजन, कुछ कांग्रेसी नेता और भाजपा के तो सभी नेता, उद्योगपति और कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल सहित बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी भी मौजूद रहे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी कहा कि ताई कई बार गलतियों पर टोकती है। वहीं सांसद लालवानी ने भी कहा कि ताई की जो दिल्ली में साख है उसका मुझे फायदा मिलता है।
130 मालाएं पहनाई… पूछा – जेब से खरीदकर लाए क्या..?
नितिन गडकरी ने कल हुए आयोजन में हुए लम्बा स्वागत-सत्कार पर आपत्ति तो ली ही, वहीं उन्होंने पुराना एक किस्सा भी सुनाया, जहां उन्हें 130 गुलाब की मालाएं पहनाई गई, तो उन्होंने महापौर से पूछा कि क्या ये मालाएं अपनी जेब से खरीदीं और नहीं तो कॉर्पोरेशन में माला खरीदी के कितने के बिल लगेंगे, इसे देखना। उन्होंने भीड़ भरे स्वागत-सत्कार के दौरान तीन-चार मर्तबा उनकी कटी जेब की भी बात कही और बताया कि इसके चलते उन्होंने बाद में पर्स रखना ही बंद कर दिया था। कार्यक्रम में सुधीर दांडेकर, रामस्वरूप मूंदड़ा, राजेश अग्रवाल, सौरभ खंडेलवाल, प्रकाश पारवानी, देवेन्द्र ईनानी सहित कई कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों से मेहनत कर रहे थे और ताई पर लिखी इस किताब के विमोचन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और कोरोना काल के बाद एक अच्छा सफल आयोजन देखा गया।
कचरा प्रबंधन में इंदौर ने किया सराहनीय कार्य
केन्द्रीय मंत्री देवी अहिल्या विवि के व्याख्यान कार्यक्रम में भी शामिल हुए, जहां उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वे रोजगार लेने वाले नहीं, देने वाले बनें। वहीं श्री गडकरी ने इंदौर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में किए गए कार्यों की भी सराहना की और किस तरह बायोफ्यूल और ग्रीन हाईड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यहां कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए हमें निर्यात को बढ़ाते हुए आयात को कम करना होगा। इंदौर में ऐसी कौन-सी चीज है, जिसका निर्यात हम बढ़ा सकते हैं, इस पर अनुसंधान करने की जरूरत है।
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