प्रयागराज। देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद (loudspeaker controversy) के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सख्त टिप्पणी की है, साथ ही कोर्ट ने मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं है (Loudspeaker in mosque is not a fundamental right), ये कानून प्रतिपादित हो चुका है कि लाउडस्पीकर का मस्जिदों पर उपयोग करना संवैधानिक अधिकार नहीं है। जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास की डिवीजन बेंच ने बुधवार को ये आदेश दिया, याचिका इरफान नाम के शख्स ने दाखिल की थी। याचिका में बदायूं जिले के बिसौली एसडीएम के 3 दिसंबर 2021 को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई थी।
एसडीएम ने अजान के लिए धोरनपुर गांव की नूरी मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, याचिका में दलील दी गई थी कि एसडीएम का आदेश पूरी तरह अवैधानिक है, यह आदेश मौलिक और कानूनी अधिकारों का हनन करता है। बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की ओर से दायर याचिका को जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास बधवार की बेंच ने खारिज कर दिया है। इरफान ने अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत मांगते हुए एसडीएम तेहसील बिसौली को आवेदन दिया था। एसडीएम की ओर से इसे खारिज करने के बाद इरफान ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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