भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में सबसे अहम बन चुके ग्वालियर चंबल के लिए बीजेपी और कांग्रेस में दंगल मचा हुआ है। इस इलाके की सीटों पर कब्जा जमाने और ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने की रणनीति पर काम कर रही कांग्रेस ने अब दिग्विजय सिंह को ग्वालियर चंबल की जिम्मेदारी सौंपी है। 2018 के नतीजों को दोहराने के लिए दिग्विजय सिंह लगातार दौरे कर कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश में हैं। सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस की सियासी जमीन मजबूत करने के लिए अब दिग्विजय सिंह 7 मई को बड़ी बैठक करने वाले हैं। ग्वालियर में बुलाई गई इस बैठक में 8 जिलों के अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष, मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी और कांग्रेस से जुड़े एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवा दल के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है।
कल बड़ी बैठक
कांग्रेस की तरफ से जारी पत्र में सभी नेताओं को बैठक में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने के लिए कहा गया है। कांग्रेस की इस बैठक में ग्वालियर चंबल में पार्टी की आगामी रणनीति और सिंधिया की घेराबंदी का प्लान तैयार होगा। कांग्रेस की कोशिश है ज्योतिरादित्य सिंधिया के दल बदलने के बाद अब ग्वालियर में उनकी घेराबंदी की जाए तो राह आसान हो जाएगी। बीते दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह के जिले राजगढ़ में बीजेपी का कार्यक्रम किया था। सिंधिया जहां राजगढ़ में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं वही उनके जवाब में दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना तेज कर दिया है।
सिंधिया के गढ़ में दिग्विजय
ग्वालियर चंबल में दिग्विजय सिंह की सक्रियता और कांग्रेस को मजबूत करने के कमलनाथ के प्लान पर बीजेपी के भूपेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस के सदस्यता अभियान में सागर जिले में 3 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को एक भी सदस्य नहीं मिला। कांग्रेस के जमीनी स्तर पर और कोई कार्यक्रम नहीं होते। मैदानी स्तर पर कांग्रेस का संगठन कमजोर है। कांग्रेस में इस समय निराशा का माहौल है। राहुल गांधी घूम रहे हैं और कार्यकर्ता निराश हैं। पूरे प्रदेश में इसी तरह के हालात हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़ बीजेपी की सदस्यता ले रहा है।
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