वाशिंगटन । अमेरिका (America) के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन (Omicron), कोरोना वायरस (Corona Virus) के पिछले वेरिएंट्स की तरह गंभीर हो सकता है. यह दावा अभी तक सामने आईं उन धारणाओं के विपरीत है कि वायरस का यह स्वरूप अधिक संक्रामक, लेकिन कम गंभीर है. अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और दो मई को ‘रिसर्च स्क्वायर’ पर प्रिप्रिंट के रूप में डाला गया है. पहले बी.1.1.529 (ओमिक्रॉन) वेरिएंट को अधिक संक्रामक, लेकिन सार्स-सीओवी-2 के अन्य स्वरूपों से कम गंभीर बताया गया था.
इस धारणा को परखने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने राज्यस्तरीय टीकाकरण आंकड़ों को 13 अस्पतालों समेत मैसाचुसेट्स की बड़ी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के गुणवत्ता-नियंत्रित इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड से जोड़ा. मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल, मिनर्वा विश्वविद्यालय और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसंधानकर्ताओं समेत अध्ययन दल ने फिर कोविड-19 के 1,30,000 रोगियों में सार्स-सीओवी-2 की सभी लहरों में अस्पतालों में भर्ती होने तथा मृत्यु के जोखिम की तुलना की. अस्पतालों में भर्ती होने और मृत्यु के असमायोजित मामले ओमिक्रॉन की तुलना में पहले की अवधि में अधिक पाये गये लेकिन यह जोखिम लगभग समान ही नजर आया. अनुसंधानकर्ताओं ने हालांकि कहा कि ओमिक्रॉन की अंतर्निहित गंभीरता को समझना चुनौतीपूर्ण है.
ओमिक्रॉन सबसे अधिक संक्रामक
कोरोना वायरस के कारण आई महामारी के समय केवल वायरस की ही जानकारी थी. लेकिन कुछ समय बाद इसके वेरिएंट भी सामने आए. इसका डेल्टा वेरिएंट खतरनाक माना गया और इससे कई लोगों की मौत तक हुई. इसके बाद ओमिक्रॉन वेरिएंट की जानकारी मिली. यह सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया था. इसे ओमिक्रॉन को बीए.1 नाम दिया गया जबकि इसके बाद अगले दो वेरिएंट बीए.1.1 और बीए.2 वेरिएंट भी मिले. यह कोरोना के अब तक सामने आए सभी स्वरूपों में सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट रहा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक ओमिक्रॉन बीए.3 (Omicron BA.3) दक्षिण अफ्रीकी देश बोत्सवाना में सामने आया है. यह ओमिक्रॉन का चौथा वेरिएंट है.
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