- समय पाल एवं कार्यभारित कर्मचारियों की नहीं सुन रहे अधिकारी
भोपाल। प्रदेश के निर्माण विभागों में कार्यरत 60,000 समय पाल एवं कार्यभारित कर्मचारी आकस्मिक निधि कर्मचारी की समस्याओं एवं मांगो की सुनवाई राज सरकार लंबे समय से नहीं कर रही है। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग आदि विभागों में कार्यरत समय पाल एवं कार्यभारित कर्मचारी आकस्मिक निधि सेवा के कर्मचारी अपनी नियमित स्थापना में नियुक्ति एवं अग्रवाल वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने ग्रेट पर 19 सौ का लाभ देने 300 दिवस अवकाश संचय एवं समर्पण करने का पात्रता देने आदि कई मांगे सरकार में मांग पत्र के माध्यम से रखी गई है लेकिन सरकार कर्मचारियों की मांगों का निराकरण नहीं कर रही है। ना ही अग्रवाल वेतन आयोग का अता पता है। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदेश के समय पालो कार्यभारित कर्मचारियों आकस्मिक निधि सेवा के कर्मचारियों की मांगों का निराकरण किया जाए। उनकी लंबी सेवा अवधि को देखते हुए उन्हें नियमित स्थापना में नियुक्ति एवं अग्रवाल वेतन आयोग की सिफारिशों का तत्काल लाभ दिया जाए।
कर्मचारी उपेक्षा के शिकार मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश के समय पाल एवं कार्यभारित कर्मचारी आकस्मिक निधि सेवा के कर्मचारी उपेक्षा के शिकार हैं। लंबे समय से सरकार में अपनी मांगों को रखते आ रहे हैं लेकिन उनकी मांगों का निराकरण पिछले 15 सालों में नहीं किया गया है। 60,000 समय पाल कार्यभारित कर्मचारी आकस्मिक निधि सेवा कर्मचारी अपनी नियमित स्थापना में नियुक्ति की मांग प्रमुखता से रख रहा है। पदोन्नत के अवसर देने की मांग कर रहा है। 19 सौ ग्रेड पे का लाभ देने की मांग कर रहा है तथा सरकारी कर्मचारी के समान समस्त सुविधाओं एवं लाभो को देने की मांग सरकार से कर रहा है। लेकिन सरकार में समय पाल एवं कार्यभारित कर्मचारियों आकस्मिक निधि सेवा के कर्मचारियों की सुनवाई नहीं हो रही है। जिस कारण उनमें असंतोष का वातावरण निर्मित हो गया है। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि यदि 15 दिवस के अंदर समय पालो कार्यभारित कर्मचारियों एवं आकस्मिक निधि सेवा के कर्मचारियों की मांगों का निराकरण सरकार ने नहीं किया तो कर्मचारी मंच समय पालो कार्यभारित कर्मचारियों आकस्मिक निधि सेवा के कर्मचारियों की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन आंदोलन करेगा।