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    12 महीने में कुष्ठ रोग के 94 नए मरीज मिले

  • May 04, 2022

    • कुष्ठ रोग की बीमारी वाले 49 मरीज ठीक हुए …
    • 6 महीने से लेकर 12 महीने लगते हंै मरीज को ठीक होने में

    उज्जैन। सेहत के प्रति जागरूकता व स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता के चलते कुष्ठ रोग की बीमारी के मरीज अब 6 महीने से लेकर 12 महीने में पूरी तरह से ठीक होने लगे हैं। पिछले 12 महीने में उज्जैन जिले में कुष्ठ रोग से सम्बंधित जहां 94 नए मरीज सामने आए हैं तो वहीं राहत की बात यह है कि 49 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। कुष्ठ रोग जिला प्रभारी डॉ. एस.के. अखंड ने बताया कि कुष्ठ रोग वाले मरीजों को 2 वर्ग में रखकर इलाज किया जाता है। जिन मरीजों के शरीर पर 5 से कम धब्बे या अंग कम सुन्न होते हैं उनका इलाज 6 महीने तक चलता है। दूसरे वह मरीज, जिनके शरीर पर 5 से ज्यादा धब्बे होने के अलावा अंगों में ज्यादा सुन्नपन या फिर घाव होने लगना। ऐसे मरीजों का इलाज 12 महीने तक चलता है। इन दोनों प्रकार के मरीजों को 6 महीने से लेकर 12 महीने तक हर रोज एक गोली खाना पड़ती है। इस बीमारी वाले मरीजों की जांचें व इलाज सरकार द्वारा मुफ्त किया जाता है। श्री अखंड ने बताया कि गत एक वर्ष की अवधि में जिले में 94 नए कुष्ठ रोग के मरीज मिले इनमें से 49 उपचार के बाद ठीक हो गए और शेष 45 मरीजों का अभी उपचार किया जा रहा है।



    सोच बदली और मरीज ठीक होने लगे
    कुष्ठ रोग सदियों पुराना एक रोग है, जिसको उस समय छुआछूत की बीमारी समझा जाता था। मगर जागरूकता के चलते इस बीमारी के प्रति लोगों व समाज की सोच में बदलाव आ चुका है। यह अन्य रोगों के विपरीत होता है। पहले सामाजिक भय, अज्ञानता और अंधविश्वास के चलते लोग इस बीमारी को छुपाकर रखते थे, जिस कारण इसका इलाज नहीं हो पाता था, मगर अब हालात व लोगों की सोच बदल गई है। इसलिए समय पर इलाज करने से इस बीमारी के मरीज ठीक होने लगे हंै। यह कुष्ठ रोग शिशुओं से लेकर बूढ़े लोगों तक किसी भी उम्र में हो सकता है।

    कुष्ठ रोग को शुरुआत में ही कैसे पहचानें
    डॉ. अखंड ने बताया कि कुष्ठ रोग ‘माइकोबैक्टीरियम लेप्रीÓ नामक बैक्टीरिया द्वारा फैलाया जाने वाला एक प्रकार का बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है। यह लंबे समय तक रहने वाला और लगातार बढऩे वाला संक्रमण होता है। मुख्य रूप से यह इन्फेक्शन शरीर की नसों, हाथ-पैरों, नाक की परत और ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। कुष्ठ रोग नसों को क्षतिग्रस्त कर देता है और त्वचा में घाव एवं मांसपेशियों में कमजोरी पैदा कर देता है। कुष्ठ रोग अन्य फैलने वाले रोगों व संक्रमणों के मुकाबले काफी कम संक्रामक होता है। कुष्ठ रोग के सबसे मुख्य लक्षण हैं त्वचा पर घाव बनना और तंत्रिका प्रणाली में सनसनी में कमी होना। शरीर पर धब्बे बनना यह लक्षण दिखाई देते हैं।

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