• img-fluid

    हार्दिक पटेल ने अपने ट्विटर बायो से हटाया कांग्रेस का नाम, क्या छोड़ेंगे हाथ का साथ?

  • May 02, 2022

    नई दिल्ली: पटेल आंदोलन से सुर्खिया बटोरकर राजनीतिक पिच पर आने वाले गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल को लेकर पिछले कुछ दिनों से कई खबरें आ रही है. उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच अब उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से कांग्रेस नेता शब्द हटा दिया है. इससे पहले वे अपने प्रोफाइल (Profile) में कांग्रेस शब्द लगाते थे. कांग्रेस शब्द हटाने के बाद अब लगभग राजनीतिक विश्लेषक यह मानकर चल रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है.

    हाल के दिनों में उन्होंने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर कई बातें कही थी. पहले खबर आई कि हार्दिक राहुल गांधी की शिकायत करने दिल्ली पहुंचे हैं लेकिन बाद में उन्होंने खुद कहा कि वे राहुल गांधी से नाराज नहीं है बल्कि गुजरात इकाई के कांग्रेस नेतृत्व से नाराज है. क्योंकि वे उनलोगों को संगठन से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं जो पार्टी को जिताने की क्षमता रखते हैं.


    हार्दक पटेल फिलहाल गुजरात कांग्रेस इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष (Executive Chairman) हैं. हार्दिक पटेल ने शुरुआती दिनों में कांग्रेस के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी. उनकी भूमिका को देखते हुए ही उन्हें इतनी जल्दी गुजरात कांग्रेस (Gujarat Congress) का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था लेकिन पिछले छह महीने से हार्दिक कांग्रेस से अलग-थलग रह रहे हैं. चर्चा यह भी है कि उनकी गुजरात बीजेपी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात हो चुकी है.

    हाल के दिनों में उन्होंने राम मंदिर, अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दे पर पार्टी लाइन से अलग हटकर बीजेपी की तारीफ भी की है. प्रोफाइल से कांग्रेस हटाने के बाद अब यह कयास और तेज हो गया है. अब यह देखना बाकी है कि हार्दिक पटेल बीजेपी में कब शामिल होते है. इधर गुजरात सरकार ने पाटीदार आंदोलन के दौरान उनपर चलाए जा रहे मुकदमें को हटाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी भी दी थी लेकिन हाई कोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया. हार्दिक ने कांग्रेस के नेतृत्व से हाल ही में सार्वजनिक रूप नाखुशी जाहिर की थी. हालांकि गुजरात कांग्रेस इस बात से इनकार करती रही है. खुद हार्दिक पटेल ने भी इस बात का खंडन किया कि वे पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा, मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की तारीफ की, इसका मतलब यह नहीं कि मैं बाइडन की पार्टी में शामिल होने वाला हूं.

    Share:

    धर्मनिरपेक्षता के मायने समझे समाज

    Tue May 3 , 2022
    – सुरेश हिंदुस्थानी किसी भी देश के शक्तिशाली होने के अपने निहितार्थ हैं। इन निहितार्थों का मन, वाणी और कर्म से अध्ययन किया जाए तो जो प्राकट्य होता है, वह यही कि सबके भाव राष्ट्रीय हों, सबके अंदर एक-दूसरे के प्रति सामंजस्य भाव की प्रधानता हो, लेकिन वर्तमान में समाज के बीच सामंजस्य के प्रयास […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved