नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के कई राज्यों में जारी कोयला व बिजली संकट को लेकर आज उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। यह बैठक शाह के निवास पर जारी है। इसमें ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी मौजूद हैं।
देश के कई राज्यों में जहां प्रचंड गर्मी के चलते बिजली की मांग बढ़ी है, वहीं इसकी आपूर्ति भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। देशभर में भीषण गर्मी के बीच बीत हफ्ते पीक आवर में बिजली आपूर्ति तीन बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची।मंगलवार को यह रिकॉर्ड 201.65 गीगावाट पर पहुंच गया। इसके साथ ही, यह पिछले साल 7 जुलाई के 200.53 गीगावाट के अधिकतम स्तर को पार कर गई। बृहस्पतिवार को बिजली की मांग 204.65 गीगावाट के रिकॉर्ड स्तर पर थी और शुक्रवार को यह 207.11 गीगावाट के सार्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंच गई। यूपी में मांग में कमी और 1600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम हो जाने के बावजूद बिजली संकट बना हुआ है। भारी बिजली कटौती जारी है।
कोयले पर गुमराह कर रही है दिल्ली सरकार : आरके सिंह
उधर, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दिल्ली में बिजली संकट को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा दी जारी जानकारी को गुमराह करने वाला बताते हुए नाराजगी जताई है। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन के एनटीपीसी के कुछ संयंत्र में कोयला भंडार की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र को लिखे पत्र के जवाब में सिंह ने रविवार को पत्र लिखकर संयंत्रों में कोयले की सही स्थिति बताई है। सिंह ने पत्र में जानकारी दी है कि दादरी संयंत्र में 202400 टन कोयला है, जो 8 दिन से अधिक के लिए पर्याप्त है। ऊंचाहार संयंत्र में 97620 टन कोयला है और इससे 4 दिन से अधिक काम चल सकता है। इसी प्रकार कहलगांव संयंत्र में 187000 टन कोयला है जो 5 दिन से अधिक के लिए पर्याप्त है।
दिल्ली में संकट गहराया
भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में बिजली का संकट गहराने लगा है। दिल्ली के कई हिस्सों में रविवार को कटौती भी की गई। हालांकि, केंद्र सरकार ने दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनियों से कहा है कि मांग के अनुसार विद्युत आपूर्ति की जाए। कोयले की कमी से थर्मल प्लांट जूझ रहे है। इसे लेकर बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी भी चिंतित है।
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