नई दिल्ली। कांग्रेस(Congress) से बात बिगड़ने के बाद क्या चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नई पार्टी का गठन करेंगे? प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के ट्वीट के बाद ये कयास तेज हो गए हैं. दरअसल, प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि अब मुद्दों और ‘जन सुराज’ के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर्स यानी जनता तक जाने का समय आ गया है.
दरअसल, लंबे वक्त से प्रशांत किशोर के कांग्रेस में जाने की चर्चा थी. प्रशांत किशोर ने 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया था. हालांकि, कांग्रेस (Congress) और प्रशांत किशोर के बीच बात नहीं बन पाई और वे कांग्रेस में शामिल नहीं हुए.
बिहार से शुरुआत करेंगे पीके
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, लोकतंत्र(Democracy) में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी उतार चढ़ाव भरी यात्रा रही है. उन्होंने आगे लिखा, ”अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए ‘रियल मास्टर’ यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है. शुरुआत बिहार से.”
प्रशांत किशोर के करीबी सूत्रों ने बताया कि पीके कुछ महीने तक बिहार की यात्रा करेंगे, वे लोगों से मिलेंगे और उनके मुद्दे जानने की कोशिश करेंगे. पीके अभी बिहार में हैं.
माना जा रहा है कि यह राजनीतिक आंदोलन (political movement) बाद में एक नई राजनीतिक पार्टी में बदल सकता है. लेकिन अभी इसकी शुरुआत है. इतना ही नहीं कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि पार्टी का नाम जन सुराज भी हो सकता है. जैसा कि प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में भी संकेत दिया है.
हाल ही में कांग्रेस से कई दौर की बातचीत के बाद पीके ने पार्टी में शामिल न होने का फैसला किया था. पीके के करीबियों ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, पीके का ये अभियान सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहने वाला.
4 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे प्रशांत किशोर
बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर 4 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे. तभी वे अपने नए अभियान के बारे में जानकारी देंगे. हालांकि, तब तक वे राज्य में गैर राजनीतिक लोगों से मुलाकात करेंगे.
जनता दल में भी रह चुके प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से की थी. वे 2018 में पार्टी में शामिल हुए थे और पार्टी महासचिव बने थे. हालांकि, 2020 में उन्हें नीतीश कुमार के खिलाफ नागरिकता कानून को लेकर बयानबाजी के चलते पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था.
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