उज्जैन। पंचक्रोशी यात्रा का समापन तथा शनिचरी अमावस्या का स्नान करने के बाद शहर से कल दिनभर में लगभग 60 हजार से ज्यादा यात्री और श्रद्धालु शहर से रवाना हुए। सुबह से ही बसों और ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ उमड़ती रही। देर रात तक रेलवे स्टेशन पर भी यात्री ट्रेनों से रवानगी लेते रहे। कोरोना काल में 2 साल बाद कल रात तक स्टेशन पर यात्रियों
की इतनी भीड़ नजर आई। उल्लेखनीय है कि पंचक्रोशी यात्रा की विधिवत शुरुआत 25 अप्रैल से हुई थी परंतु 23 अप्रैल से ही पंचक्रोशी यात्रा के लिए लोग बस और ट्रेनों के जरिये शहर आने लगे थे। यह सिलसिला लगातार 30 अप्रैल शनिचरी अमावस्या तक चला।
पंचक्रोशी में इस बार अपेक्षा से कम यात्री शामिल हुए लेकिन फिर भी 25 हजार से ज्यादा यात्रियों ने पंचक्रोशी यात्रा की। 29 अप्रैल को यात्रा का विधिवत समापन हुआ। श्रद्धालुओं का नगर प्रवेश हुआ था। इसी दिन बड़ी संख्या में अन्य लोग भी बस और ट्रेन में बैठकर शहर आ गए थे। पंचक्रोशी यात्रियों के साथ बाहर से शनिचरी अमावस्या का स्नान करने आए यात्रियों ने भी स्टेशन परिसर, रामघाट तथा त्रिवेणी पर रात्रि विश्राम किया था। कल दिनभर शिप्रा में आस्था की डुबकियाँ लगती रही, जिन लोगों ने सुबह जल्दी स्नान कर लिया था वे लोग ट्रेन पकड़कर गंतव्य की ओर लौटने लगे थे। यही कारण था कि उज्जैन रेलवे स्टेशन पर कल सुबह से लेकर देर रात तक ट्रेनों में सफर के लिए स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लगी रही। कोरोना काल के करीब दो साल के अंतराल में इतनी भीड़ कल रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड पर नजर आई।
जाँच में एक भी यात्री पॉजीटिव नहीं आया
कोरोना की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए देखते हुए स्टेशन पर कल सुबह से स्वास्थ्य विभाग की टीम और चिकित्सक यात्रियों की कोरोना जाँच में लग गए थे। कल शाम तक यहाँ सैकड़ों यात्रियों ने कोरोना जाँच हेतु सेम्पल लिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन पर कल दिनभर में जितने भी यात्रियों के कोरोना टेस्ट कर सेम्पल लिए गए उन सभी की जाँच नेगेटिव रही थी। भीड़ को देखते हुए स्टेशन पर यह सतर्कता बरती गई थी। इधर कल रात में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में भी 200 से ज्यादा सेम्पलों की जाँच में एक भी पॉजीटिव मरीज नहीं मिला। अभी जिले में केवल कोरोना का एक ही एक्टिव केस है।
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