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    50 लाख वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का इंतजार, दूसरे राज्यों में भुगत रहे जुर्माना

  • May 01, 2022

    • परिवहन विभाग ने पिछले साल प्लेटें लगवाने का प्रस्ताव भेजा था शासन के पास
    • सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है हरि झंडी

    भोपाल। प्रदेश के 50 लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जानी है। कंपनी का ठेका पुर्नजीवित करने के लिए अक्टूबर 2021 में प्रस्ताव राज्य शासन के पास भेजा था, लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग सकी है। बिना हाई सिक्योरिटी नंबर के वाहन को दूसरे राज्य में ले जाने पर लोगों को जुर्माना भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली एनसीआर में व्यक्ति बिना जुर्माने के नहीं निकल पा रहे हैं। क्योंकि केंद्र शासन ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगाना अनिवार्य किया है। इसके बगैर वाहन चलाने पर जुर्माने का प्राविधान किया है।



    परिवहन विभाग जनवरी 2012 में लिंक उत्सव कंपनी से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का अनुबंध किया था। इस कंपनी ने हर जिले में प्लेट लगाने का काम शुरू कर दिया, उसके बाद कंपनी की शिकायतें आने लगीं। प्लेटों की गुणवत्ता ठीक नहीं थी। 19 लाख पुराने वाहनों का पैसा इस कंपनी को मिल गया था, लेकिन 9 लाख वाहनों पर प्लेट लगाई। दस लाख वाहनों पर प्लेटें लगाने का कार्य नहीं किया। शर्तों का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अक्टूबर 2014 में कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया। ठेका निरस्त होने के बाद लिंक उत्सव न्यायालय की शरण में चली गई। परिवहन विभाग हाई कोर्ट में केस हार गया, तो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने केस आर्बिट्रल में भेज दिया। विभाग ने जो आरोप लगाए थे, उन्हें विभाग आर्बिट्रल में साबित नहीं कर सका। आर्बिट्रल कमेटी ने ठेका पुर्नजीवित करने का आदेश दिया। विभाग ने महाधिवक्ता से कानूनी सलाह भी ली, जिसमें ठेका पुर्नजीवित करने के लिए कहा। इसके बाद राज्य शासन के पास प्रस्ताव भेज दिया गया। तभी से यह प्रस्ताव राज्य शासन के पास है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगने का नुकसान आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। प्लेट नहीं होने पर दूसरे राज्यों में जुर्माना भरना पड़ता है।

    50 लाख वाहन आए हैं सड़कों पर
    अक्टूबर 2014 से 1 अप्रैल 2019 के बीच प्रदेश में सभी तरह के करीब 50 लाख वाहन नए खरीदे गए हैं। इन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं है। बाजार से प्लेट खरीदकर नंबर लिखवाये हैं। 1 अप्रैल 2019 के बाद हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दी है। दूसरे राज्यों में बिना प्लेट के गाड़ी मिलती है तो जुर्माना भरना पड़ता है। 1 अप्रैल 2019 के बाद जो वाहन खरीदे गए हैं, उन पर निर्माता कंपनी ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटें लगाई हैं। पुराने वाहन वाले विभाग के पास शिकायत लेकर जाते हैं तो लोगों को निराशा मिलती है। प्लेट लगाने वाला वेंडर नहीं है। परिवहन विभाग ने उन वाहन चालकों को सुविधा दे रखी है, जिन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं है। वह विभाग से पत्र लेकर जा सकते हैं। जिससे जुर्माने से बचा जा सकता है। हर व्यक्ति ऐसा नहीं कर पा रहा है।

    यह समस्या आ रही सामने
    वर्ष 2012 में इस कंपनी से जो करार हुआ था, उसमें 110 रुपये टू व्हीलर की नंबर प्लेट व 315 रुपये चार पहिया वाहन की नंबर प्लेट लगाई जा रही थी। हर पांच साल में रेट रिवाइज होने थे। अक्टूबर 2014 में ठेका निरस्त हो चुका है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में जो आफिस का ढांचा खड़ा किया था, वह नहीं बचा है। न मशीनें।

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