भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह की आज मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच चल रहे राजनीतिक विवाद के गिले शिकवे दूर हो गए हैं। अब मिशन 2023 के लिए एक साथ काम करने का संकल्प अजय-राकेश ने लिया है। एक साथ आकर कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने का संकल्प लिया गया है। इन दोनों नेताओं ने एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई। दरअसल लंबे समय बाद पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह खुद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह से मिलने पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच बड़ा राजनीतिक विवाद चल रहा था, जिसे एक दशक बाद एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दूर कर लिया गया है। चौधरी राकेश सिंह ने कहा कि मुलाकात के बाद सारे गिले शिकवे खत्म हो गए हैं। अजय सिंह को अपना बड़ा भाई बताया है। उन्होंने कहा कि अब किसी तरह का मनमुटाव नहीं है। 2023 में दोनों नेता मिलकर पार्टी को जीत दिलाएंगे। राकेश सिंह ने माना उनसे कुछ साल पहले गलती हुई थी। सारे बड़े नेताओं ने मिलकर दोनों की मुलाकात करवाई है।
बता दें कि साल 2012 में अजय सिंह जब नेता प्रतिपक्ष थे, उस वक्त सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के वक्त जब चर्चा चल रही थी। उसी दौरान अजय सिंह जब अपना वक्तव्य देने खड़े हुए, तो राकेश सिंह कांग्रेस के बजाय बीजेपी के समर्थन में बोलने लगे। इतनी देर में कोई कुछ समझ पाता कि आखिर वह ऐसा सदन के अंदर क्यों कह रहे हैं, वह तुरंत कांग्रेस के पाले से उठकर बीजेपी विधायकों के पाले की तरफ चले गए। जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच दूरियां बढ़ गई। लेकिन जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। उसके बाद चौधरी राकेश सिंह को पार्टी में वापस लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया आए थे। पार्टी में भले ही चौधरी राकेश सिंह की वापसी हो गई थी, लेकिन दोनों नेताओं के बीच विवाद खत्म नहीं हुआ था। उपचुनाव के वक्त चौधरी राकेश सिंह ने भिंड के मेहगांव से टिकट मांगा था, लेकिन बताया जाता है कि अजय सिंह ने आखिरी समय पर खुलकर इसका विरोध किया था। जिसके बाद चौधरी राकेश सिंह का टिकट कट गया था।
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