नई दिल्ली । कांग्रेस (Congress) ने गुजरात (Gujrat) के आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने संयुक्त अभियान में 450 करोड़ के ड्रग्स (Drugs Worth 450 Crores) पकड़े जाने पर चिंता जाहिर करते हुए (Expressing Concern over being Caught) इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया है (Politically Motivated) । कांग्रेस प्रवक्ता (Congress Spokesperson) सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinet) ने कहा, इस मामले में मोदी-शाह मौन क्यों हैं (Why Modi-Shah Silent) ?
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कहा गुजरात के बंदरगाहों पर आए दिन ड्रग्स की खेप का पकड़ा जाना गंभीर चिंता का विषय है और युवाओं को नशे में धकेलने के कारोबार पर रोक के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए साथ ही उच्चतम न्यायालय को भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुजरात में इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन पकड़ी गई और गुजरात के बंदरगाह हेरोइनों को देश मे पहुंचने के प्रमुख केंद्र बन रहे हैं। आये दिन बड़ी तादाद में ड्रग्स पकड़ी जा रही है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
सुप्रिया श्रीनेत ने इसे राजनीतिक सहयोग से प्रेरित करार देते हुए कहा, हजारों करोड़ की हेरोइन देश में आती है। दो दिन पहले गुजरात में पांच करोड़ रुपए की हेरोइन बरामद हुई है। सवाल है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि पर क्यों ड्रग माफिया के हौसले इस कदर बढ़ते जा रहे हैं और गुजरात में ही ड्रग्स लगातार क्यों पकड़ी जा रही है।उन्होंने कहा कि पहले वहां पर करोड़ों रुपए की ड्रग्स पकड़ी गई थी और सैकड़ों किलो ड्रग्स देश में आ रही है। वर्ष 2021 में अडानी और मूंदड़ा पोर्ट से 3000 करोड़ की हेरोइन बरामद हुई थी। ऐसे अनेकों उदाहरण है जब बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गई है और लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। सरकार को बताना चाहिए कि वह इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है।
गौरतलब है कि गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने संयुक्त अभियान में ईरान से अमरेली जिला स्थित पीपावाव बंदरगाह पहुंचे एक पोत कंटेनर से 450 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 90 किलोग्राम हेरोइन बरामद की है। इस हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 600 करोड़ से ज्यादा है। जांच में पता चला कि ड्रग सिंडिकेट ने तस्करी के लिए अनूठे तौर-तरीके का इस्तेमाल किया, जिसमें धागों को हेरोइन युक्त घोल में भिगोया जाता था, जिसे बाद में सुखाया जाता था।
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