उज्जैन। अप्रैल खत्म होने में 1 दिन शेष बचा है। पारा सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा उछाल से लोगों को पसीना-पसीना कर रहा है। राहत के लिए लोग बिजली का खूब उपयोग कर रहे हैं। मेंटेन करने के लिए पंखे और कूलर लगाना पड़ रहे हैं। लेकिन गर्मी को पंखे और कूलर भी कम नहीं कर पा रहे हैं। गर्मी के दिनों में शहरी क्षेत्र की बिजली खपत डेढ़ गुना के करीब पहुंच गई है। इसका असर बिजली के ट्रांसफार्मर, तार और अन्य उपकरणों पर पड़ता है। उज्जैन में इस समय रोजाना सवा 9 लाख यूनिट के करीब बिजली की खपत हो रही है। इस रिकॉर्ड खपत के चलते बिजली के ट्रांसफार्मर की क्षमता को बनाए रखने के लिए यहां पंखे और कूलर लगाए जा रहे हैं, ताकि गर्मी के समय में ओवरलोड बिजली की मांग की सही आपूर्ति को सुचारु बनाया जा सके। प्रत्येक ट्रांसफार्मर से ढाई से 5 हजार घरों तक बिजली आपूर्ति होती है। इन ट्रांसफार्मरों को गर्मी से बचाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इधर दिन का पारा 42 डिग्री तक पहुँचने के कारण उज्जैनवासी गर्मी से बेहाल है। स्थिति यह है कि 24 घंटे पंखे और कूलर चलाने के बाद भी गर्मी से छुटकारा नहीं मिल रहा है। दोपहर में समय सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगा है।
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