भोपाल। जिले में पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के स्कूलों की नवीन मान्यता जारी करने और मान्यता नवीनीकरण में तकनीकी समस्या उत्पन्न हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने मान्यता जारी करने की प्रक्रिया आनलाइन की है, लेकिन पोर्टल में तकनीकी समस्याओं के चलते यह कार्य नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ जिले के विभिन्न ब्लाकों में पदस्थ बीआरसी भी आनलाइन मान्यता के आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी के पास फारवर्ड कर रहे हैं, लेकिन उसके सत्यापन के लिए मूल नस्तियां नहीं भेज रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस लापरवाही के चलते चार बीआरसी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं।
कोरोना संक्रमण के बाद से ही एमपी बोर्ड के प्राइवेट स्कूल संचालकों को परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। शहर में कई स्कूल ऐसे हैं जिनको अब तक एमपी बोर्ड से मान्यता नहीं मिल पाई है। इसके बावजूद उनका संचालन जारी है और बाकायदा क्लासें लगाकर बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है। मान्यता के लिए स्कूल संचालक लंबे समय से अधिकारियों के कार्यालयों के च?कर लगा रहे हैं। स्कूलों में बिना मान्यता के ही एडमिशन हो रहे हैं और छात्रों को पढ़ाई भी कराई जा रही है। राज्य शिक्षा केंद्र ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा आठवीं तक के स्कूलों की मान्यता और नवीनीकरण के लिए 23 मार्च को निर्देश जारी किए थे। इसके तहत स्कूलों ने 31 मार्च तक मान्यता और नवीनीकरण के लिए आवेदन कर दिए थे। ये आवेदन आनलाइन किए गए थे और इसकी एक नस्ती बनाकर बीआरसी कार्यालय में जमा कराई गई थी। बीआरसी को स्कूलों का भौतिक सत्यापन कर 25 अप्रैल तक जिला शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन हकीकत यह है कि अभी तक स्कूलों के निरीक्षण ही चल रहे हैं। मान्यता में देरी के पीछे जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि पोर्टल की तकनीकी समस्या के चलते कार्य थोड़ा विलंब हुआ है, लेकिन इस समस्या को दूर कराया जा रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved