नई दिल्ली: देश में कोरोना के बुधवार को 3,303 मामले सामने आए थे. यह बीते 47 दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा था. इस आंकड़े में थोड़ी-बहुत घट-बढ़ के साथ स्थिति हफ्ते भर से ऐसी बनी हुई है. इससे आम लोगों की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है. लेकिन आईसीएमआर (Indian Council Of Medical Research) की विशेषज्ञ डॉक्टर निवेदिता गुप्ता (Nivedita Gupta) कहती हैं कि चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे इसके पुख्ता कारण बताती हैं.
डॉक्टर निवेदिता के मुताबिक, ‘दुनिया के कई देशों में कोरोना की पांचवीं, छठी लहर तक आ चुकी है या आ रही है. इसका मतलब है कि उनकी कोविड-19 नीति में कहीं कुछ गंभीर खामी है. वहीं अन्य देशों की तुलना में भारत ने कोरोना से अब तक ज्यादा बेहतर तरीके से मुकाबला किया है. सिर्फ दूसरी लहर में जो स्थिति बनी, उसे छोड़ दें तो पहली और तीसरी लहर में भारत ने पूरे हालात को बहुत अच्छी तरह संभाला.
इसके अलावा भारत के ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ 9 जैसे कोरोना-टीके भी अधिक असरदार साबित हुए हैं. कोरोना से मुकाबला करने के मामले में भारत का प्रदर्शन बेहतर होने का यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है.’ डॉक्टर निवेदिता के कहा, ‘अभी यह जानकारी या आंकड़े तो उपलब्ध नहीं हैं कि पश्चिमी देशों के टीकों की तुलना में भारत के कोरोना टीके अधिक असरदार रहे. लेकिन इस तरह के आंकड़े भी नहीं हैं जो इस संभावना को खारिज करते हों.’
उन्होंने कहा, ‘भारत में सही समय पर टीके आ गए और लोगों को लगे भी तेजी से. कोरोना पर नियंत्रण के सरकारी इंतजाम भी मुस्तैदी से हुए. साथ ही, अब तो बूस्टर डोज भी लगनी शुरू हो गई हैं. इसके अलावा अभी ओमिक्रॉन (Omicron) या उसी के स्वरूपों के अलावा दुनिया में कहीं कोरोना का नया स्वरूप (Variant) भी सामने नहीं आया है. इन्हीं सब कारणों से कम से कम अभी तो भारत के लोगों को चिंता की जरूरत नहीं है.’
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