नई दिल्ली । देश में कोरोना (corona) के मामले दोबारा तेजी से बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। उसने जनगणना 2021 (Census 2021) के पहले चरण और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के अपडेशन का काम टाल दिया है। इस पर अगले आदेश तक काम नहीं होगा। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने यह जानकारी दी।
सेंसस 2021 को दो चरणों में पूरा किया जाना था। पहले चरण को अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान पूरा करना था। इसमें हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस शामिल थे। दूसरे चरण को 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 तक पूरा किया जाना था। इसमें आबादी की गणना की जानी थी। सेंसस 2021 के पहले फेज के साथ ही एनपीआर अपडेशन का काम भी प्रस्तावित था। इसे असम को छोड़ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाना था।
एक अप्रैल से सेंसस 2021 और एनपीआर के अपडेशन का काम शुरू होना था। हालांकि, इसे अब अगले आदेश तक पोस्टपोन कर दिया है। कोरोना के मामलों में उछाल के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है।
एनपीआर के संबंध में गृह मंत्रालय ने एक और अहम जानकारी दी है। जन्म, मृत्यु और पलायन के कारण बदलावों को शामिल कराने के लिए नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में दोबारा अपडेट कराने की जरूरत होगी। बुधवार को जारी गृह मंत्रालय की 2020-21 एनुअल रिपोर्ट में यह बात कही गई है। सरकार ने असम को छोड़ पूरे देश में एनपीआर डेटाबेस को अपडेट करने का फैसला किया है।
सरकार पहले ही एनपीआर अपडेशन के लिए 3941.35 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर चुकी है। 2015 में नाम, लिंग, जन्म की तारीख और स्थान, निवास स्थान और माता-पिता का नाम जैसी कुछ फील्डों को अपडेट किया गया था। इसके लिए आधार, मोबाइल और राशन कार्ड नंबर जुटाए गए थे।
2019 में एनपीआर, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (NRC) और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
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