अहमदाबाद । एक तरफ देशभर में धार्मिक आधार पर विवाद की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे मामले भी सामने आ जाते हैं, जो आपसी सौहार्द की नजीर पेश कर जाते हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) में सामने आया. यहां ब्रेन डेड हो चुके एक मुस्लिम शख्स का दिल (heart) जरूरतमंद हिंदू व्यक्ति के सीने में ट्रांसप्लांट (transplant) किया गया. जब यह ऑपरेशन चल रहा था तब एक तरफ मुस्लिम परिवार नमाज पढ़ रहा था तो वहीं दूसरी तरफ प्रार्थनाओं का दौर भी जारी था.
दरअसल, 25 वर्षीय अब्दुल (परिवर्तित नाम) 23 अप्रैल को सड़क हादसे का शिकार हो गया था. कच्छ निवासी अब्दुल एक्टिवा चलाते समय सामने से आ रही दूसरी एक्टिवा से टकरा गया था. हादसे के बाद उसके परिवार के सदस्य तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल ले गए. हालत गंभीर होने के कारण उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया.
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राकेश जोशी ने बताया कि अब्दुल को मेडिकल जांच के बाद हमारे अस्पताल लाया गया. जांच में पता चला कि उसका ब्रेन डेड हो चुका है. उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था, लेकिन उसके शरीर के अंग काम कर रहे थे. हमें लगा कि उसके अंग दूसरे जरूरतमंद रोगियों के लिए बहुत काम के साबित हो सकते हैं. हमने जांच शुरू की. इस बीच डॉक्टरों की टीम ने अब्दुल के परिवार को अंगदान का महत्व समझाया और वे तैयार हो गए. शरीर से दिल निकालने के बाद सिम्स अस्पताल में 52 वर्षीय व्यक्ति को ट्रांसप्लांट किया गया.
बता दें कि अहमदाबाद के विधायक ग्यासुद्दीन शेख लंबे समय से इस तरह के अंग दान की मुहिम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात में यह पहली बार है, जब किसी मुस्लिम व्यक्ति ने अंगदान किया है. रमजान के महीने में यह बहुत बड़ा दिन है. हम लंबे समय से ब्रेन डेड व्यक्ति के परिवारों को अंगदान के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे थे. हमारे समुदाय में अंगदान ना करने की कई मान्यताएं है, जो गलत हैं. मैं उलेमाओं और हमारे धर्मगुरुओं से अपील करता हूं कि वे अंगदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें.
विधायक इमरान खेड़ावाला ने कहा कि वह उस परिवार को धन्यवाद देते हैं, जिसने अंगदान की पहल की. वह व्यक्ति अब हमारे बीच में नहीं है, लेकिन उसने एक पूरे परिवार को जीवन दिया है. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि अंगदान करने के लिए आगे आएं.
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