उज्जैन। नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाली सड़कों के किनारे नगर निगम ने एलईडी लाईट लगवाई है और ठेका कंपनी द्वारा इनका 7 साल तक मेंटेनेंस किया जाना अनुबंध में शामिल है। दावा है कि शहर के 45 हजार पोल पर एलईडी लाईट लगा दी गई है लेकिन इनमें से करीब 30 फीसदी लाईटें अलग-अलग मार्गों पर बंद पड़ी है और अंधेरा फैला हुआ है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम ने बिजली का मासिक खर्च कम करने के लिए साल 2020-21 में शहर के 11 हजार पोल पर एलईडी लाईट लगवाई थी। तब जाकर पूरे साल में स्ट्रीट लाईट का खर्च 16 करोड़ सालाना से घटकर 14 करोड़ 78 लाख रुपए सालाना पर आया था।
इसके बाद वर्ष 2021-22 में उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी से अनुबंधित भारत सरकार की ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड ईईएसएल ने सोडियम फिक्चर हटाकर ज्यादा रोशनी और कम विद्युत खपत वाली 24 हजार 557 एलईटी लाईटें लगवाई थी। इसके बाद नगर निगम का बिजली का सालाना खर्च 13 करोड़ के लगभग पहुँच गया था। नगर निगम के प्रकाश विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ठेका कंपनी से अनुबंध हुआ है कि वह 7 साल तक लगातार लगाई गई एलईडी लाईट का मेंटेनेंस करेगी। इनके सुधार से लेकर लाईट बदलने तक का जिम्मा ठेका कंपनी का रहेगा। इधर शहर के अधिकांश प्रमुख और बाहरी मार्गों पर कई महीनों से सड़क किनारे पोल पर लगी अधिकांश एलईडी लाईटें बंद हैं। उदाहरण के लिए कोयला फाटक से लेकर इंदिरानगर तिराहे के बीच आगर रोड पर कई एलईडी लाईटें बंद हैं। इसी तरह आगर नाका नंबर 5 से लेकर खाकचौक की ओर जाने वाले मार्ग की सड़क किनारे लगी एलईडी लाईटें भी अधिकांश खराब होने के बाद बंद हो गई है। खाकचौक से लेकर मंगलनाथ मंदिर तक भी पूरे मार्ग की आधी से ज्यादा एलईडी लाईटें बंद पड़ी हुई हैं। यही हालत खाकचौक से लेकर उत्तरामुखी हनुमान होते हुए अंकपात द्वार तक लगी लाईटों का है। यहाँ भी कई लाईटें बंद हैं और रात में अंधेरा पसरा रहता है। इधर आगर रोड पर ही एमआर-5 मक्सी रोड बायपास मार्ग पर लगी एलईडी लाईटों में से अधिकांश बंद हैं। देवास रोड पर तरणताल के आगे से लेकर नागझिरी के बीच कई बिजली के पोल अंधेरे में डूबे हुए हैं। कुल मिलाकर नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले प्रमुख मार्गों पर लगी एलईडी लाईट अधिकांश बंद हैं। लगभग 30 फीसदी खंबों पर लगाई गई एलईडी लाईटें बंद पड़ी हुई है। इस ओर नगर निगम और स्मार्ट सिटी ध्यान नहीं दे रही। अंधेरे के कारण इन मार्गों पर रात में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है।
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