नई दिल्ली: केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत मेडिकल टेस्ट के लिए बजट बढ़ाने की योजना बना रही है. योजना के लाभार्थी अब एमआरआई और पीईटी स्कैन जैसे महंगे परीक्षण मुफ्त में कर सकेंगे. अभी तक इस योजना के तहत रेडियोलॉजी जांच की सीमा 5000 रुपये प्रति वर्ष थी.
इसमें परिवार के सदस्य साल में एक बार ही टेस्ट करवा सकते थे. मरीजों को अक्सर महंगे परीक्षणों पर अपना पैसा खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ता था. बजट में नए बदलाव से आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत मरीजों को राहत मिलेगी.
इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने राज्यों को मेडिकल जांच के लिए बजट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है. बजट बढ़ाने की शर्त यह है कि 40 फीसदी शुल्क राज्य सरकार को वहन करना होगा. निजी केंद्रों पर एमआरआई परीक्षणों की लागत लगभग 5000-7000 रुपये है और पीईटी स्कैन लगभग 11,000 – 15,000 रुपये में किए जाते हैं.
इस वजह से केंद्र सरकार आयुष्मान योजना में कर रही बदलाव
आयुष्मान योजना में बदलाव की वजह यह है कि जांचों के लिए पांच हजार रुपये शुल्क तय रहने से कैंसर, न्यूरो और दिल जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को दिक्कत हो रही थी. इसके अलावा बाहर एमआरआई जांच 3500 से सात हजार और पैट स्कैन 11 से 15 हजार रुपये में होता है. वहीं, सीटी स्कैन एक से डेढ़ हजार रुपये में होता है. यह रकम गरीब लोगों की जेब पर भारी पड़ रही थी, इसलिए सरकार ने इस योजना में बदलाव करने का मन बनाया है.
कब हुई थी शुरुआत
सरकार द्वारा देश के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं. जिससे कि देश का कोई भी नागरिक अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उपचार से वंचित ना रहे 25 सितंबर 2018 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया गया था.
हेल्थ सेक्टर पर ध्यान दे रही है सरकार
फरवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन यानी एबीडीएम को मंजूरी दी थी. इस मिशन के लिए 5 सालों के लिए 1,600 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई थी.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved