कोलंबो । ऐतिहासिक आर्थिक संकट (Economic Crisis) का सामना कर रहे श्रीलंका (Sri Lanka) में नागरिकों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक बार फिर भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री निवास घेर लिया है। यह लोग राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Prime Minister Mahinda Rajapakse) के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
श्रीलंका में आर्थिक संकट के साथ सियासी संकट भी लगातार जारी है। अब आम नागरिकों के साथ विद्यार्थी व अन्य तमाम समूहों के लोग आंदोलन कर रहे हैं। विद्यार्थियों ने कोलंबो के विजेरामा मावथा क्षेत्र में स्थित प्रधानमंत्री निवास को घेर कर खूब नारेबाजी की। ये लोग राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांग रहे थे। आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास की दीवारों पर घर जाओ राजपक्षे जैसे नारे भी लिख दिए।
दरअसल, श्रीलंका सरकार आर्थिक रूप से कंगाली के कगार पर है। श्रीलंका में आवश्यक वस्तुएं की कीमतें अत्यधिक बढ़ चुकी हैं और सरकार के पास सामान्य दिनचर्या के लिए महत्वपूर्ण वस्तुओं के आयात के लिए भी धन नहीं है। इस कारण न सिर्फ ईंधन, दवाओं और बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हो गयी है। इस बीच अंतरिम सरकार गठन की मांग खारिज कर दिए जाने के कारण प्रधानमंत्री राजपक्षे के विरोध में प्रदर्शन तेज कर दिए गए हैं।
पिछले सप्ताह सरकार ने प्रदर्शनकारियों व विपक्ष से आंदोलन खत्म करने को कहा था किन्तु उनके प्रयास सफल नहीं हो सके। आंदोलनकारियों ने सरकार के इस्तीफे से कम कुछ भी स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है। सत्तारूढ़ गठबंधन के 40 से अधिक सांसद पहले ही सरकार से अलग होने का ऐलान कर चुके हैं।
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