भोपाल। चौथी लहर में नया वैरिएंट अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए खतरा बन सकता है। तीसरी लहर में भी ओमिक्रोन उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक साबित हुआ जो पहले से ही किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त थे। अस्पताल में वह अन्य बीमारी का इलाज लेने आए पर जांच में संक्रमित पाए गए। उनका कोविड का इलाज चला, इनमें से कुछ लोगों की मौत भी हुई, पर उसका कारण सीधे तौर पर कोविड नहीं था। बल्कि कोविड से उनकी बीमारी से मौत माना जा सकता है।
कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रोन वायरस की थी। जिसने तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में तो लिया पर गंभीरता कम रही और लोग घर पर रहकर ही ठीक हो गए। कोरोना का टीका से लोगों में बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता इसकी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि चौथी लहर में एक्सई वेरिएंट भी ओमिक्रोन का ही वेरिएंट है। जिसकी गंभीरता ओमिक्रोन के दोंनो वेरिएंट से तो अधिक होगी लेकिन डेल्ट से कम रहेगी। इसलिए अधिक घबराने की नहीं सावधानी की जरुरत है।
एक्सई वेरिएंट ओमिक्रोन का ही सब-वेरिएंट है, इसलिए इसके लक्षण भी ओमिक्रोन वेरिएंट के लक्षणों से बहुत मिलते-जुलते हैं। एक्सई वेरिएंट से बहुत अधिक डरने, घबराने की जरूरत नहीं है। इसमें हल्का बुखार होना, शरीर में दर्द होना, थकान महसूस करना, सिरदर्द, दिल की धड़कन तेज होना तथा सूंघने की क्षमता घटना आदि लक्षण नजर आ सकते हैं।एमआईटीएस के गणितज्ञ बताते हैं कि दुनिया के अलग अलग देशों में तीन वेरिएंट चल रहे हैं। डेल्टा और ओमिक्रोन बीए1 से तैयार हुआ वेरिएंट एक्सडी और एक्सएफ है। जबकि ओमिक्रोन के बीए1 और बीए2 वेरिएंट से मिलकर नया वरिएंट एक्सई तैयार हुआ है। इसलिए अभी एक्सई वेरिएंट के ट्रांसमिशन और बीमारी के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा जाता तब तक इसे ओमिक्रॉन वेरिएंट से ही जोड़कर देखा जाएगा।
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