उज्जैन। 31 मार्च तक रजिस्ट्रार विभाग में रिकार्ड तोड़ रजिस्ट्रियाँ हो रही थी। मार्च के अंतिम सप्ताह में भीड़ को देखते हुए विभाग द्वारा स्लॉट की संख्या भी बढ़ा दी गई थी लेकिन प्रापर्टी तथा कंस्ट्रक्शन की नई दरें लागू होने के बाद से रजिस्ट्रियों की संख्या में कमी आई है। रजिस्ट्रार विभाग में 31 मार्च के बाद स्लाट की संख्या भी कम कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने जिला मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के बाद प्रापर्टी की गाईड लाईन बढ़ा दी थी। इसके बाद जिले के कई क्षेत्रों में प्रापर्टी की दरों में 10 से लेकर 30 प्रतिशत तक इजाफा हो गया था। इससे पहले 31 मार्च तक पुरानी दरों पर ही रजिस्ट्रियाँ हो रही थी। यही कारण था कि उस दौरान रजिस्ट्रार विभाग में रोजाना लगभग डेढ़ से दो करोड़ रुपए का राजस्व पंजीयन के जरिये विभाग को प्राप्त हो रहा था।
31 मार्च जैसे-जैसे नजदीक आ रहा था, वैसे-वैसे रजिस्ट्री कराने के लिए लोगों की भीड़ पंजीयन विभाग में उमड़ रही थी। इसे देखते हुए विभाग द्वारा बुकिंग के लिए स्लाट की संख्या भी बढ़ाकर 300 तक कर दी गई थी। परंतु 1 अप्रैल से कंस्ट्रक्शन दर और नई गाईड लाईन जारी होने के बाद विभाग में रजिस्ट्रियों की संख्या पहले के मुकाबले घटने लगी। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी के चलते अब स्लाट की संख्या घटाकर वापस 300 से 120 कर दी गई है। जानकारों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन दर में वृद्धि होने के बाद नगर निगम सीमा में आने वाले मकानों के निर्माण पर 1 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर बढ़ाई गई है। पहले यह दर 11 हजार रुपए थी जो बढ़कर 12 हजार रुपए कर दी गई है। इसके चलते अब निर्माण भी महंगा हो गया है, वहीं जिले में कई इलाकों में तेजी से विकसित हो रही कॉलोनियों की प्रापर्टी दरें भी पहले के मुकाबले 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यही कारण है कि लोगों को अब रजिस्ट्री पर पहले के मुकाबले अधिक राशि चुकानी पड़ रही है। इन कारणों के चलते अब रजिस्ट्रार विभाग में रजिस्ट्रियों की संख्या भी कम होने लगी है।
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