निगम के अफसरों ने नगरीय प्रशासन विभाग को की थी मामले की शिकायत
लाइसेंस बंद पड़े होने से लेकर खातों में सामने आ रही गड़बडिय़ां
इंदौर। पिछले कुछ दिनों से ई-नगरपालिका पोर्टल (e-municipal portal) पर आ रही गड़बडिय़ों के कारण एक ओर तो लाइसेंस (License) बनना बंद हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर सम्पत्ति कर के खातों में भी गंभीर गलतियां आ रही हैं। किसी भी खाताधारक का एक लाख सम्पत्ति कर दो लाख में तब्दील हो रहा है और किसी का लाखों का सम्पत्ति कर हजारों में पहुंंच रहा है।
मार्च के बाद डाटा अपडेट करने के लिए ई-नगरपालिका पोर्टल द्वारा कार्य शुरू किए गए थे, जिसके चलते कई दिनों से पोर्टल काम नहीं कर रहा है। इसी के चलते निगम के कई सम्पत्ति कर, जल कर और अन्य राजस्व संबंधी मामलों के खाते अटके पड़े हैं। निगम ने लाइसेंस शाखा झोनलों पर शिफ्ट कर दी थी, जिसके चलते नए पासवर्ड और डिजिटल सिग्नेचर के चलते मामले अपलोड नहीं होने के कारण अटके पड़े हैं और लोग लाइसेंस बनवाने के लिए झोनलों के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सम्पत्ति कर और जल कर के खातों में भी गड़बडिय़ों की शिकायतें आ रही हैं। कई राजस्व अधिकारियों ने निगम के आला अधिकारियों को शिकायत की कि उनके झोन के वार्डों में कई बड़े खाताधारकों की राशि में अचानक परिवर्तन हो गया है। कई खातों में बकाया राशि एक लाख थी, जो गड़बड़ी के कारण दो लाख हो गई और कई बड़े बकायादारों की राशि भी पोर्टल पर गलत दर्शाई जा रही है। इस मामले में निगम अधिकारियों ने नगरीय प्रशासन विभाग के साथ-साथ पोर्टल का संचालन करने वाली एजेंसी को भी पत्र लिखकर गंभीर मामलों की त्रुटि बताई है।
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