रांची । झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) और उनके भाई विधायक बसंत सोरेन (MLA Basant Soren) के विरुद्ध दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने शुक्रवार को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (Registrar of Companies) और ईडी (ED) से रिपोर्ट मांगी है (Seeks Report) ।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीएम, उनके भाई और उनके करीबियों द्वारा 300 से भी ज्यादा शेल कंपनियां बनाकर अवैध तरीके से निवेश किया गया है। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस एस.एन. प्रसाद की अदालत ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को इन कंपनियों के बारे में दो हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भी इस बाबत रिपोर्ट मांगी है।
आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शंकर शर्मा ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से बीते नवंबर में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन की अवैध आय का निवेश उनके करीबियों द्वारा बनायी गयी कई शेल कंपनियों में किया जा रहा है।
रांची के चर्चित बिजनेसमैन रवि केजरीवाल, रमेश केजरीवाल, अमित अग्रवाल, अभिषेक प्रसाद एवं अन्य लोगों के नाम पर बनायी गयी 28 ऐसी कंपनियों का ब्योरा भी अदालत में पेश किया गया था। आरोप लगाया गया है कि इन कंपनियों के माध्यम से ब्लैक मनी को व्हाइट मनी बनाया जा रहा है।
पीआईएल में सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स से सोरेन परिवार की पूरी संपत्ति की जांच की मांग की गयी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में 28 कंपनियों का डिटेल पेश किया था, जिसमें सोरेन बंधुओं की भागीदारी थी। बचाव पक्ष की तरफ से एडीशनल एडवोकेट जनरल ने कोलकाता से ऑनलाइन अपना पक्ष रखा। उन्होंने तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया।
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