- विचार मंथन के बाद प्रस्ताव किया जाएगा पारित
- दो दिन तक चलेगा सम्मेलन
उज्जैन। राष्ट्रीय कैलेण्डर को जनप्रयोग में लाने के उद्देश्य से डोंगला में आज से दो दिवसीय सम्मेलन आरंभ हो गया। इसमें देशभर के ज्योतिष, खगोल शास्त्री, पंचांगकर्ता और विद्वान शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन में इस पर विचार मंथन किया जाएगा और राष्ट्रीय कैलेण्डर को जनप्रयोजन में लाने के लिए प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। आज से डोंगला में आरंभ हुए इस सम्मेलन में देशभर से 228 विद्वान भाग लेने पहुँचेंगे। इसमें राष्ट्रीय कैलेण्डर को व्यवहारिक जीवन में लोग ज्यादा से ज्यादा अपनाने लगे इस पर विचार मंथन होगा तथा सर्व सम्मति से इसका प्रस्ताव भी पास किया जाएगा।
यह प्रस्ताव बाद में केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पंचांग को भारतीय रिजर्व बैंक भी मान्यता दे चुका है और राष्ट्रीय कैलेण्डर की तिथि अनुसार जारी चेक स्वीकार करने के आदेश भी रिजर्व बैंक ने दिए हैं। राष्ट्रीय कैलेण्डर को व्यवहारिक रूप में लाने के लिए आज तथा कल दो दिन यह सम्मेलन चलेगा। उल्लेखनीय है कि सन् 1957 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय कैलेण्डर पारित किया था। इसमें वैज्ञानिक तत्वों पर विचार विमर्श के लिए आज तथा कल राष्ट्रीय कैलेण्डर के अनुसार वैशाख मास की दूज और वैशाख मास की तीज 1944 को विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में भी सम्मेलन होना है। इसके अलावा यहाँ 30 कैलेण्डरों की प्रदर्शनी लगाई गई है।