उज्जैन। परसों रात गणेशनगर निवासी सेना में पदस्थ लाँस नायक अपने भाईयों के साथ इंदौर में अरबिंदो के समीप लिफ्ट मांगने के लिए कार चालक से बात कर रहा था। इसी दौरान लोडिंग वाहन ने उसे टक्कर मार दी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उसकी मौत की सूचना पाकर परिवार में कोहराम मच गया था और क्षेत्र के लोगों की भीड़ पहुँचना शुरू हो गई थी। कल शाम को शव घर लाया गया जहां रातभर लोग जमा रहे। आज सुबह सैन्य सम्मान के साथ जवान की अंतिम यात्रा गणेश नगर से निकाली गई तथा चक्रतीर्थ पर सेना के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मक्सीरोड गणेशपुरा में रहने वाला आकाश पिता महेन्द्रसिंह यादव उम्र 33 साल दिल्ली में पदस्थ था। परसों रात वह अपने भाईयों के साथ इंदौर में विवाह समारोह में शामिल होने गया था। रात में उनके वाहन का पहिया फट गया था। इस पर वे अरबिंदो अस्पताल के समीप लिफ्ट के लिए वाहन खोजने लगे। इसी दौरान आकाश ने एक कार चालक को रोका और उससे बात करने लगा। इसी दौरान वहाँ तेज गति से लोडिंग वाहन आया और आकाश को अपनी चपेट में ले लिया। दुर्घटना इतनी जोरदार हुई कि मौके पर ही आकाश की मौत हो गई।
उसके भाईयों ने तत्काल उसे अस्पताल पहुंचाया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया। इधर दुर्घटना में आकाश की मौत होने की खबर मिलने के बाद परिवार में शोक छा गया और इस बात की जानकारी क्षेत्र के लोगों को लगी तो वे भी मृतक सेना के जवान के घर पहँुँचने शुरू हो गए। इंदौर पुलिस ने कल आकाश के शव का पोस्टमार्टम कराया और परिजनों के सुपुर्द कर दिया। मृत आकाश के शव को कल शाम गणेश नगर स्थित घर लाया गया। इससे पहले ही क्षेत्रवासियों की वहाँ भीड़ लग चुकी थी। शव पहुँचते ही परिवार में मातम फैल गया था। देर रात तक लोग मृत जवान के घर के बाहर डटे रहे और आज सुबह से वहाँ जनप्रतिनिधियों और नेताओं का पहुँचना शुरू हो गया था। आज सुबह मंत्री मोहन यादव भी श्रद्धांजलि देने पहुँचे। पूरे क्षेत्र में पुलिस बल लगाया हुआ था और मृतक को अंतिम बिदाई देने के लिए सेना के 4 जवान दिल्ली और महू से यहाँ आ गए थे। आकाश यादव सेना में लाँस नायक के पद पर पदस्थ था और 4 साल से दिल्ली में नियुक्त था। मृत आकाश परिवार का इकलौता पुत्र था और उसके पिता महेन्द्रसिंह यादव दूध व्यवसायी थे और पिछले साल कोविड से उनकी मौत हो चुकी थी। आकाश का एक 4 वर्षीय पुत्र है। आज सुबह आकाश की पत्नी छाया यादव ने अपने 4 वर्षीय पुत्र आयुष को गोद में लेकर अंतिम बिदाई दी। सुबह से पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ था और भीगी आँखों से लोगों ने मृत लाँस नायक को अंतिम बिदाई दी। शव यात्रा में लोग आकाश अमर रहे कि नारे लगाते हुए शामिल हुए। सेना के वाहन में मृत जवान का शव रखा गया और पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम बिदाई दी गई। दिल्ली और महू से आए जवानों ने चक्रतीर्थ पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
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