इंदौर-दाहोद रेल परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है ये टनल
इंदौर। इंदौर से दाहोद के बीच रेलवे लाइन (Indore to Dahod railway line) को लेकर पिछले दो साल से काम बंद पड़ा हुआ था, लेकिन इस बजट (Budget) में पर्याप्त राशि मिलने के बाद काम को अब रफ्तार मिल रही है। पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग ने टीही से पीथमपुर के बीच बंद पड़े टनल के काम को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 132 करोड़ के टैंडर जारी किए हैं। हालांकि इस टनल को बनाने की समय सीमा 2020 सितम्बर तक रखी गई थी, लेकिन कोरोना के कारण काम बंद हो गया और फिर इस परियोजना के लिए फंड तक नहीं था।
204 किलोमीटर की इस रेलवे लाइन के बनने के बार इंदौर से मुंबई और अहमदाबाद की दूरी कम हो जाएगी और पीथमपुर से जाने वाली कंटेनर ट्रेनें भी इस मार्ग से जल्द पोर्ट तक पहुंचेगी और वहां से इसे जहाजों से आगे रवाना कर दिया जाएगा। हालांकि यह परियोजना 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और रेलमंत्री लालूप्रसाद यादव के कार्यकाल में शुरू हुई थी और इसे 2012 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन बाद में फंड की कमी के कारण काम लेट होता गया। फिलहाल इंदौर से टीही के बीच रेल लाइन का कम पूरा हो चुका है और इस पर कंटेनर ट्रेन भी चलाई जा रही है, लेकिन इसके बाद बनने वाली सुरंग के कारण रेलवे ट्रैक का काम अटक गया था। यह सुरंग पीथमपुर से टीही के बीच बनना है, जिसकी लंबाई करीब 2 हजार 967 मीटर रहेगी। केन्द्र सरकार ने इस साल के रेल बजट में इस परियोजना के लिए 265 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसमें से 111 करोड़ रुपए के टैंडर पहले ही जारी कर दिए गए हैं, जिससे कई काम होना है। अब दूसरे चरण में 132 करोड़ रुपए के टैंडर केवल टनल के काम के लिए ही जारी किए गए हैं, जिससे टनल का बचा हुआ काम पूरा किया जाना है। इस टनल में अभी और खनन होना है और उसके बाद सीमेंट-कांक्रीट का स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। 17 मई को टैंडर खोले जाना है, लेकिन अभी इसकी समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
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