मंगलुरू। 16 साल का लड़का घर जाने के लिए पहली बार अकेले रेल यात्रा करने का फैसला करता है, माता-पिता की अनुमति लेकर वह ट्रेन की यात्रा शुरू करता है। माता-पिता भी खुश हैं कि अब उनका लाडला अब इतना बड़ा हो गया है कि वह कहीं भी अकेले जा सकता है। ट्रेन अपनी मंजिल की तरफ निकल पड़ती है, 5 घंटे बीतने के बाद लड़के के पिता किशन राव अपने बेटे की यात्रा के बारे में पूछने के लिए फोन करते हैं, लेकिन फोन बंद आने के बाद पिता की हालत खराब होने लगती है। बार-बार कोशिश करने के बाद भी फोन कॉल नहीं लगता।
इस बात से परेशान किशन राव फौरन रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को एक मदद के लिए ट्वीट करते हैं ताकि शांतनु के लोकेशन का पता चल सके। ट्वीट करने के ठीक 34 मिनट बाद किशन राव का मोबाइल फोन रिंग करता है। कॉल शांतनु का था, वो फोन उठाते हैं। शांतनु कहता है- पापा मैं ठीक हूं. इस जवाब से किशन राव राहत की सांस लेते हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किशन राव एक ऑटोमोबाइल कंपनी में महाप्रबंधक हैं, उन्होंने बताया कि शांतनु 10वीं कक्षा का छात्र है और अपनी परीक्षा देने के बाद वह अपने पैतृक घर (कोट्टायम, केरल) जाना चाहता था, तभी उसे अकेले यात्रा की अनुमति दी गई थी लेकिन रास्ते में उससे जब यात्रा के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन किया गया तो उसका फोन बंद आया जिसके बाद हमने सुबह 10.34 बजे मैंने रेल मंत्री को ट्वीट किया’ इसके कुछ देर बाद हमारी बात हमारे बेटे से हो गई।
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