नई दिल्ली। दुनिया की खाद्य सुरक्षा (food security) के लिए ‘फॉल आर्मीवॉर्म’ कीड़ा (‘Fall Armyworm’ worm) चुनौती बनाता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization of the United Nations) ने इस कीड़े को लेकर चेतावनी जारी की है। संगठन का कहना है कि यह कीड़ा भारत समेत अब तक 70 देशों में फैल चुका है। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन ने कहा है कि यह कीड़ा मक्का और चावल सहित 80 तरह के पौधों पर हमला करता है। एक बार जिस जगह यह पहुंच गया तो वहां की पूरी फसलों को खराब कर देता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बहुत देर होने से पहले देशों को बचाव और रोकथाम की योजनाएं बनानी होंगी। मुख्य तौर पर अमेरिका में पाए जाने वाले आर्मी वर्म के बारे में कहा जाता है कि ये 2016 में नाइजीरिया पहुंचा। कुछ ही समय में ये अफ्रीका के 44 देशों में फैल गए और अपना पेट भरने के लिए फसलों को अपनी खुराक बनाई।
संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक इस कीट पर लगाम लगाने के लिए करीब 1.2 करोड़ डॉलर खर्च हो चुके हैं। फॉल आर्मीवर्म चावल, ज्वार, बाजरा, गन्ना, सब्जी फसलों और कपास सहित 80 से अधिक फसलों पर फ़ीड कर सकता है, लेकिन यह मक्का पसंद करता है।
भारत में ज्वार की खेती को बड़ा नुकसान
‘फॉल आर्मीवॉर्म’ कीड़ा 70 फीसदी ज्वार की फसल को अपना निशाना बनाया है और यह सब्जियों तक पहुंच चुका है। भारत में सालाना 20 मीट्रिक टन ज्वार पैदा होता है। इस कीड़े को रोकने के लिए उपाय न किए गए तो यह पूरे उपमहाद्वीप में फैल सकता है।
क्या है फॉल आर्मीवर्म कीड़ा
फॉल आर्मीवर्म नामक कीड़ा मक्के के पौधों के लिए काफी घातक है। इस कीड़े का प्रमुख भोजन मक्का ही है, यह कीड़ा अपने भोजन की तलाश के लिए एक रात में 1 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। फॉल आर्मीवर्म नामक कीड़ा अपने 4 से 5 दिन के जीवन काल में लगभग 1 हजार अंडा देती है।
बचाव के क्या हैं उपाय
इस कीड़े से मक्के के पौधों को बचाव के लिए प्रमुख दवाई का छिड़काव जरूरी है। वैज्ञानिकों ने बताया कि खेत में छिड़काव सुबह या शाम को ही करना चाहिए दोपहर में छिड़काव करने से दवाई का असर नहीं रहता है।
भारत में ये कीड़े फसलों को पहुंचा रहे नुकसान
दीमक: गेहूं, गन्ना, धान व अन्य सभी फल वाले पौधों को नुकसान पहुंचाती है।
सफेद मक्खी : सब्जियों व चौड़े पत्ते वाले पौधों में ज्यादा नुकसान करती है।
माहू : सरसो, जौ व आलू आदि फसलों के लिए खतरनाक होता है।
टिड्डा : गन्ना, ज्वार, बाजरा आदि को काफी नुकसान पहुंचाता है।
भुआ पिल्लू: मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली को यह नुकसान पहुंचाती है।
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