भोपाल। भारत सरकार की प्राथमिकता वाली कृषि एवं ग्रामीण विकाय योजनाओं की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4,368 करोड़ रुपए बजट का बैंकों के माध्यम से ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना में नावार्ड ने कृषि, शिक्षा, आवास समेत सामाजिक आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए संभावित ऋण देने का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। जिससें सबसे अधिक कृषि आधारित संरचना पर फोकस किया है। नवार्ड ने कृषि आधारित योजनाओं के साथ ही सूक्ष्म एवं लघु उद्योगो ( एमएसएमई) को शामिल किया गया है। जिले में किसानों की आयु दो गुना करने और कृषि आधारित योजनाओं की वृद्धि के लिए पिछले साल की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में नवार्ड ने पोटेंसियल लिंक प्लान (पीएपी) के लिए 8 फीसदी बजट में वृद्धि की है।
कृषि के लिए संभावित ऋण
नावार्ड ने कृषि क्षेत्र में फसल उत्पादन, रखरखाव के साथ ही कृषि यंत्र पौधरोपण, पशुपालन क्षेत्र में डेयरी विकास, मुर्गी पालन, भेड़, बकरी एवं सूअर पालन, मस्त्य पालन आदि गतिविधियों को बढ़ाने के लिए 339 करोड़ की संभावित ऋण की कार्य योजना बनाई है। इसी में बैल, बैलगाड़ी समेत संभावित कृषि प्रणाली की योजनाएं शामिल हैं।
कृषि आधारभूत संरचनाएं
नावार्ड ने कृषि आधारभूत संरचनाओं के लिए 356 करोड़ रुपए की योजना बनाई है। जिसमें भांडारण सुविधाएं, भूमि विकास, भू-संरक्षण एवं वाटरशेड योजना समेत टिशू कल्चर, एग्रो बॉयोटेक्नोलॉजी, बायो पेस्टिसाइड, फर्टिलाइजर, वर्मी कम्पोस्ट आदि शामिल है।
सूक्ष्म, लघु व मध्यम इंटरप्राइजेस
नवार्ड ने एमसएमई योजना में शिक्षा, आवास, निर्यात ऋण, नवकरणीय ऊर्जा के साथ ही सामाजिक आधारभूत संरचना जिसमें बैंक शामिल हो। इसके लिए 326 करोड़ की योजना तैयार की है।
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