कोलंबो। श्रीलंका में वर्ष 2019 में हुए बम धमाके के जख्म अभी हरे हैं। तीन साल पहले ईस्टर पर ही इस्लामिक स्टेट से प्रेरित स्थानीय आतंकियों के हमलों में 260 लोगों की जान चली गई थी। रविवार को ईस्टर के मौके पर श्रीलंकाई लोगों ने मारे गए नागरिकों को याद करते हुए अलुथकडे से गाले फेस तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।
ईस्टर के दिन हुए नृशंस हमले को याद करते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने कहा कि यह हमला लोगों के मन में अभी भी गूंज रहा है, और कहा कि सरकार सभी पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा कि सरकार उचित जांच के करेगी और सभी जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने ईस्टर के मौके पर कहा कि यीशु मसीह की महान शिक्षा हमें याद दिलाती है कि हम आशा के साथ संदेह और अनिश्चितताओं पर विजय प्राप्त करते हुए, पूरी दुनिया के लिए प्यार और देखभाल करना जारी रखें। ईस्टर की प्रबुद्धता, सकारात्मकता और आध्यात्मिक शक्ति हम सभी को अपने जीवन और दुनिया में पाप के अंधेरे के कारण उत्पन्न चुनौतियों से उबरने की ताकत देती है।
आईएस समर्थित दो समूहों ने कराए थे हमले
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा रखने वाले श्रीलंका के दो स्थानीय मुस्लिम समूहों ने अप्रैल 2019 में चर्चों और प्रमुख पर्यटक होटलों पर एक के बाद एक छह हमले किए थे। इनमें 260 लोगों की मौत हुई थी और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे। एक अन्य व्यक्ति ने चौथे पर्यटक होटल पर सुनियोजित हमला नहीं किया था, लेकिन बाद में एक अलग स्थान पर उसने विस्फोट करके खुद को मार डाला था।
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