नई दिल्ली: देश में गर्मी का मौसम है. तापमान 40 डिग्री को छू रहा है. ऐसे में बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. कोयले का महंगा आयात (costly imports) तीन राज्यों को अंधेरे में ढकेल सकता है. माना जा रहा है कि आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh), तमिलनाडु (Tamil Nadu), राजस्थान (Rajasthan) में बिजली संकट गहरा सकता है. इसे लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह (R K Singh) ने एक हाई लेवल बैठक भी की है.
बिजली की बढ़ती मांग और मौजूदा कोयले की कमी की स्थिति को लेकर ऊर्जा मंत्री ने कहा, ‘घबराने की जरूरत नहीं है, हम बिजली की मांग पूरी करेंगे.’ संघीय दिशानिर्देश अनुशंसा (federal guideline recommendation) करते हैं कि बिजली संयंत्रों (power plants) में औसतन कम से कम 24 दिनों का स्टॉक हो. बैठक में सरकार ने राज्यों को खदानों के करीब थर्मल पावर प्लांटों को टोलिंग का उपयोग करने की अनुमति दी है. इसमें कहा गया है कि बिजली पैदा करने के लिए कोयला लिंकेज का उपयोग करते हुए कोयला परिवहन को कम किया जाए.
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने आयातित कोयला आधारित संयंत्रों (imported coal based plants) और कोयले के स्टॉक की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की. इसमें कुछ राज्यों के संबंध में लंबी दूरी के कोयला परिवहन से बचने के लिए लिंकेज कोयले के 25 प्रतिशत तक टोलिंग सुविधा की अनुमति दी गई है. आरके सिंह ने कहा कि इससे राज्य अपने लिंकेज कोयले का उपयोग खदानों के नजदीक संयंत्रों में बेहतर तरीके से कर सकेंगे. क्योंकि कोयले के परिवहन के बजाय दूर के राज्यों में बिजली पहुंचाना आसान होगा.
बैठक में राज्यों के प्रधान सचिव, वरिष्ठ अधिकारी, स्वतंत्र बिजली उत्पादक और आयातित कोयला आधारित संयंत्रों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. बिजली की बढ़ती मांग को लेकर मंगलवार को हुई बैठक में केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार, अतिरिक्त सचिव विवेक कुमार देवांगन और पावर सीपीएसई के सीएमडी भी मौजूद थे. बयान में कहा गया है कि बिजली की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए यह अनुशंसा की गई थी कि सभी जेनको को 10 प्रतिशत तक सम्मिश्रण के लिए कोयले का आयात करने का प्रयास करना चाहिए. राज्य-वार और जेनको-वार लक्ष्य निर्धारित किए गए थे और मानसून की शुरुआत से पहले सम्मिश्रण उद्देश्यों के लिए कोयले की डिलीवरी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया था. क्योंकि बारिश के मौसम में घरेलू कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved