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    बोर्ड बैठक में शामिल होने के साथ मताधिकार पर रोक नहीं

  • April 14, 2022

    डेली कॉलेज के नए चुने बोर्ड पर हाईकोर्ट ने कोई स्टे नहीं दिया, अध्यक्ष पवार ही रहेंगे, 15 पक्षकारों को जारी किए नोटिस

    इंदौर। राजा-महाराजा और रसूखदारों के डेली कॉलेज (Daily College) में जो तख्तापलट पिछले दिनों हुआ उसे हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती दी गई। सभी 15 पक्षकारों को नोटिस भी जारी किए गए, वहीं जयसिंह झाबुआ (Jai Singh Jhabua) को बोर्ड मीटिंग में शामिल होने और मताधिकार से वंचित करने के लिए गए फैसले पर कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है, वहीं नवनिर्वाचित अध्यक्ष विक्रमसिंह पवार और नवनियुक्त प्राचार्या पर कोई स्टे नहीं दिया। अलबत्ता हाईकोर्ट ने यह अवश्य सलाह अपने मौखिक संदेश में दी कि इस तरह के विवाद ऐसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के लिए अच्छे नहीं हैं।


    पिछले दिनों राजनीतिक दबाव-प्रभाव के चलते डेली कॉलेज बोर्ड में उठापटक हुई और नरेन्द्रसिंह झाबुआ को अध्यक्ष पद से हटाते हुए विक्रमसिंह पवार को नया अध्यक्ष बना दिया, साथ ही जयसिंह झाबुआ को बोर्ड से हटाने के साथ ही मताधिकार से भी वंचित करते हुए बैठक से बाहर कर दिया था, वहीं ताबड़तोड़ नए बोर्ड का गठन करते हुए नई प्राचार्या श्रीमती बिंद्रा की नियुक्ति भी कर दी और उन्होंने दो दिन बाद ही आकर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया, वहीं नवनिर्वाचित अध्यक्ष पवार अगले ही दिन भोपाल जाकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से भी मिल आए। चूंकि यह तय था कि इस फैसले को अदालती चुनौती मिलेगी, लिहाजा जयसिंह झाबुआ की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें वरिष्ठ अभिभाषक विवेक तन्खा और उनके सहयोगी अंशुमन श्रीवास्तव ने पैरवी की, वहीं शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने तर्क रखे। भार्गव के मुताबिक नवनियुक्त अध्यक्ष विक्रमसिंह पवार और नवनियुक्त प्राचार्य पर कोई स्थगन नहीं हुआ है। अलबत्ता जयसिंह झाबुआ की याचिका पर नोटिस के साथ अंतरिम रूप से बोर्ड बैठक में शामिल होने और वोटिंग यानी मताधिकार पर जो बोर्ड ने रोक लगाई थी, उस पर कोर्ट ने स्टे दिया है। यानी जय झाबुआ भविष्य में होने वाली बोर्ड मीटिंग में शामिल होकर अपने मताधिकार का भी इस्तेमाल कर सकेंगे। भार्गव ने यह भी स्पष्ट कहा कि अध्यक्ष सहित नवनिर्वाचित बोर्ड और प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर कोर्ट ने कोई स्टे नहीं दिया है। यानी सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारी यथावत रहेंगे। इस याचिका में मध्यप्रदेश शासन, रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी के साथ ही नवनिर्वाचित अध्यक्ष और बोर्ड के सभी सदस्यों, जिसमें सतवीरसिंह छाबड़ा, प्रियवर्त सिंह, हरपालसिंह भाटिया, धीरज लुल्ला, संदीप पारीक, राजवर्धन सिंह, सुमित चंडक, नरेन्द्रसिंह झाबुआ, हटाए गए प्राचार्य नीरज बड़ोतिया, संजय पाहवा सहित कलेक्टर को भी पार्टी बनाया गया है। इस अंतरिम आदेश पर अब चार हफ्ते बाद फिर से सुनवाई होगी। इंदौर बैंच के न्यायमूर्ति वीके शुक्ला ने उक्त अंतरिम आदेश जारी किया है, साथ ही बहस के दौरान बोर्ड से उन्होंने यह भी कहा कि डेली कॉलेज जैसी प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के विवाद से अच्छा संदेश नहीं जाता है।

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