नई दिल्ली । पेट्रोल डीजल (petrol diesel) के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के चलते आम वस्तुओं पर इसका असर दिखाई दे रहा है और अब शादियों का भी सिलसिला (series of weddings) शुरू हो गया है। खाने-पीने से लेकर सजावट, बैंड बाजा तक पर इसका असर है। शादी में जरूरत के सामान पर पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) और सीएनजी (CNG) महंगी होने का असर कपड़े की कीमतों पर दिख रहा है।
बता दें कि अप्रैल में शादी के बड़े मुहूर्त है। सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही गुरुवार से खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार दिल्ली में बड़ी संख्या में शादियां होनी हैं, जिसके चलते बंपर खरीदारी की उम्मीद है। बैंक्वेट हॉल, होटल से लेकर गेस्ट हाउस तक को अच्छी बुकिंग मिली है। लेकिन शादियों के साये पर महंगाई का असर भी दिख रहा है। ज्वेलरी बाजार में खरीदार बेहद कम हैं। 15 किलो के रिफाइन का डब्बा पहले 2040 रुपये में मिलता था, वह अब 2900 रुपये में मिलता है। वहीं, रसोई गैस की कीमत भी बढ़ गयी है. कमर्शियल रसोई गैस के 19 किलो के सिलिंडर की कीमत 2469 रुपये हो गयी है. वहीं, 14 किलो के घरेलू रसोई गैस की कीमत 1047 रुपये प्रति सिलिंडर हो गयी है।
पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की वजह से किराने के सामान में भी पांच से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जिससे मांगलिक कार्यों में बनने वाले पकवान की लागत भी बढ़ गई है। बाजार में लगातार बढ़ रही महंगाई की वजह से पहले 200 से ₹300 प्लेट में बनने वाले भोजन की लागत अब 225 से ₹335 तक बैठ रही है।
सब्जियों व अन्य जरूरी सामानों के दाम ऊंचे होने के कारण खाने-पीने का मेन्यू भी सीमित किया जा रहा है। उधर, कपड़े से लेकर सजावट तक का खर्च बढ़ गया है। कुल मिलाकर बीते वर्ष की तुलना में शादी की खर्च 25 से 30 फीसदी तक बढ़ गया है।
चार तिथियों में साढ़े तीन लाख से अधिक शादियां
आने वाले 19 तारीख तक दिल्ली में करीब साढ़े तीन लाख शादियां होनी हैं। ऑल इंडिया बैंक्वेट हॉल फेडरेशन के सदस्य भूपेंद्र सिंह बताते हैं कि दिल्ली में बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस, सामुदायिक भवन और होटल की संख्या 60 हजार से अधिक है। इनमें से अधिकांश में शादियों की बुकिंग है।
14, 15, 17 और 19 अप्रैल को बड़ा साया हैं, जिसमें करीब साढ़े तीन लाख शादियां होनी हैं, लेकिन महंगाई के चलते लोग बाकी खर्चों में कटौती कर रहे हैं। फूल महंगा होने से सजावट का खर्च बढ़ गया है। बैंड-बाजा और बग्गी की बुकिंग भी बीते वर्षों से महंगी हुई है।
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