उज्जैन। आबकारी विभाग ने जिले की देशी-विदेशी शराब दुकानों के ठेके इस बार नए वित्त वर्ष में नई आबकारी नीति के मुताबिक दिए हैं। गत वर्ष जिले की शराब दुकानों का ठेका 412 करोड़ में गया था लेकिन इस बार यही ठेका 490 करोड़ में गया है जिससे विभाग को पिछले साल के मुकाबले 78 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिला है। उल्लेखनीय है कि जिले की सीमा में देशी-विदेशी शराब की कुल 142 दुकानें हैं। पिछले साल वित्त वर्ष के अंत में जिले की सभी शराब दुकानों का ठेका 412 करोड़ में नीलाम हुआ था, वहीं इस साल नए ठेके के लिए उज्जैन आबकारी विभाग को नए ठेके के लिए 500 करोड़ का टारगेट दिया गया था। इस बार के शराब ठेकों में नई आबकारी नीति के तहत ऑनलाईन टेंडर बुलाए गए थे। साथ ही जिले की देशी-विदेशी शराब की दुकानों के ठेके के लिए 42 ग्रुप बनाए गए थे।
नई आबकारी नीति को लेकर शराब ठेकेदारों ने ठेके की दर अधिक होने की बात कही जा रही थी और पहले चरण में हुई नीलामी में 22 ग्रुप के ही ठेके हो पाए थे। शेष के लिए विभाग को फिर से निविदा निकालनी पड़ी थी। ठेके की राशि अधिक होने के कारण ठेकेदार शराब के ठेके लेने में 30 मार्च तक कम रूचि दिखा रहे थे। इसे देखते हुए विभाग द्वारा कई बार ठेके की निर्धारित दरों में 5 से 15 प्रतिशत तक की छूट भी दी गई थी। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन्हीं सब परिस्थितियों के बीच उज्जैन जिले की शराब दुकानों का ठेका 490 करोड़ में नीलाम हुआ है जो गत वर्ष के मुकाबले 78 करोड़ अधिक है। जिले की शराब की दुकानों के ठेके रीवा, छत्तीसगढ़, मंडल और खाचरौद के ठेकेदारों ने लिए हैं। कुल मिलाकर जिले की शराब की दुकानों को ठेके पर देने का नया टारगेट 500 करोड़ था लेकिन इस बार विभाग को लक्ष्य से लगभग 10 करोड़ कम में संतोष करना पड़ा।
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