नई दिल्ली: शनि का राशि परिवर्तन 29 अप्रैल 2022 को होगा. इस दिन शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इस राशि में शनि 30 साल बाद वापस आ रहे हैं. एक राशि में शनि ढाई साल तक रहते हैं. ज्योतिषियों का कहना है सूर्य पुत्र शनि के गोचर से कई राशि के जातकों का जीवन प्रभावित होने वाला है. इस दौरान दो राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है.
शनि के राशि परिवर्तन के बाद शनि की साढ़े साती और ढैय्या लोगों का जीवन प्रभावित करेगी. शनि साढ़े साती की अवधि जहां साढ़े सात साल तक रहती है तो वहीं शनि की ढैय्या की अवधि ढाई साल की होती है. शनि के राशि परिवर्तन करते ही दो राशियों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी तो दो राशियां इसके प्रभाव में आ जाएंगी.
किन राशियों को राहत?
शनि के राशि बदलते ही मिथुन और तुला राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी. हालांकि 12 जुलाई को शनि फिर से मकर राशि में आ जाएंगे जहां ये 17 जनवरी 2023 तक विराजमान रहेंगे. यानी मिथुन और तुला राशि के जातक फिर से शनि की ढैय्या में आ जाएंगे. ये दोनों राशियां 17 जनवरी 2023 को पूर्ण रूप से शनि की ढैय्या से मुक्त होंगी.
इन राशियों की बढ़ेगी मुश्किल
इस राशि परिवर्तन के बाद कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर ढाई साल की दशा शुरू हो जाएगी. साथ ही, मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े आरंभ होगी और धनु राशि वालों को इससे मुक्ति मिल जाएगी. इस कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को सावधानी के साथ चलने की सलाह दी जाती है.
शनि के अशुभ परिणाम हों तो क्या करें?
शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. नित्य सायं शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें. अगर कष्ट ज्यादा हो तो शनिवार को छाया दान भी करें. भोजन में सरसों के तेल, काले चने और गुड़ का प्रयोग करें. इसके अलावा, अपना आचरण और व्यवहार अच्छा बनाए रखें.
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