वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसी तकनीक खोजी है, जिसके इस्तेमाल से उन्होंने 53 वर्षीय महिला की त्वचा को 30 वर्षीय युवती के जैसे जवां बनाने में सफलता पाई है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह तकनीक चेहरे की कोशिकाओं को बगैर नुकसान पहुंचाए उसे जवां बनाए रखती है। ‘ई लाइफ पत्रिका’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को ‘टाइम जंप’ का नाम दिया है। जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता व नोबेल पुरस्कार विजेता शिनाया यामानाका ने भी 2006 में इस तकनीक पर काम किया था।
वैज्ञानिकों ने कहा कि निष्कर्ष अभी शुरुआती चरण में हैं, लेकिन तकनीक विकसित हो चुकी है। अगर अधिक शोध किया जाता है, तो इस विधि का इस्तेमाल रीजेनेरिटिव मेडिसिन (चेहरे को जवां दिखाने वाली दवाएं) जैसी एक उन्नत दवा बनाने में किया जा सकता है।
50 दिनों की है पूरी प्रक्रिया
नोबेल विजेता वैज्ञानिक की तकनीक पर काम करते हुए जर्मन आणविक जीवविज्ञानी वुल्फ रीक, पोस्टडॉक्टरल छात्र दिलजीत गिल व संस्थान की टीम ने बताया िक स्टेम सेल रीप्रोग्रामिंग की पूरी प्रक्रिया 50 दिन की है, जो कि कई चरणों में पूरी होती है।
ये बूढ़ी हो रही कोशिकाओं को हटाकर या उसकी मरम्मत करके ठीक करने की प्रक्रिया है। इस दौरान ये किसी भी तरह की कोशिकाओं में बदली जा सकती हैं। उन्हें शरीर में डालकर लक्षित अंग या उसकी कोशिकाओं जैसा काम करा सकते हैं। इसके लिए चार मुख्य मॉलिक्यूल बनाए गए हैं।
भविष्य में कई बीमारियों का इलाज संभव
भविष्य में इस तकनीक से अल्जाइमर या फिर उम्र संबंधी बीमारियों का उन्नत तरीके से इलाज किया जा सकता है। अभी इस तकनीक पर और काम करना बाकी है। फिलहाल जो भी सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं, वो प्रयोगशालाओं में किए गए प्रयोग के आधार पर है। मुख्यत: यह तकनीक पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत करने का काम करती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved