नई दिल्ली: कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders) ने एक बार फिर ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमेजन (Amazon) पर निशाना साधा है. कैट (CAIT) ने कहा कि अमेजन पर गांजा बेचे जाने के मामले में कुछ महीने पहले मध्य प्रदेश पुलिस ने रैकेट का भंडाफोड़ किया था.
अब अमेजन ने भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) को भी नहीं छोड़ा और अपने प्लेटफॉर्म पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) को एक सेलर के रूप में न केवल रजिस्टर्ड किया बल्कि गांजा बेचने की राशि का एक भाग भी तीर्थ क्षेत्र के बैंक अकाउंट्स में जमा कराया. कैट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आरबीआई और भारत सरकार के सभी नियमों एवं कानूनों को धता बताते हुए अमेजन ने गंभीर अपराध किया है और अभी तक इसके खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है.
अमेजन के पोर्टल पर हुए इस गोरखधंधे का खुलासा करते हुए कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने गांजा बेचने वाले कुछ लोगों के गिरोह जिसका भंडाफोड़ मध्यप्रदेश पुलिस ने कुछ महीने पूर्व किया था, ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम शहर में बाबूटैक्स सहित लगभग 10 अन्य फर्जी नामों से कंपनियां खोली और उन्हें अमेजन के पोर्टल पर रजिस्टर किया जिनके द्वारा बड़ी मात्रा में गांजा मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भेजा गया.
जिन फर्जी कंपनियों को यह गांजा बेचा गया उसमें से अमेजन के पोर्टल ऊपर सेलर के रूप में फर्जी तरीके से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को भी एक सेलर के रूप में रजिस्टर किया गया और बेचे गए गांजा की राशि का एक भाग तीर्थ क्षेत्र के अकाउंट्स में भी जमा किया गया. उन्होंने कहा की यह बहुत ही घिनौना और अशोभनीय है कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट का नाम गांजा बेचने में भी इस्तेमाल किया गया है और दुख की बात है कि अपराधियों ने भगवान राम को भी अपने घृणित लेनदेन में नहीं बख्शा! यह मामला साफ तौर पर दर्शाता है कि अमेजन प्लेटफार्म पर कानून और नियमों का कभी पालन नहीं किया जाता है. आश्चर्य की बात यह है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने का किसी को भी नहीं पता है, जो बेहद गंभीर विषय है.
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि कैट के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार विशाखापत्तनम में अमेजन प्लेटफॉर्म पर सेलर के रूप में एक कंपनी बाबुटेक्स सहित कई फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड थीं जो एक ही यूपीआई नंबर का इस्तेमाल करते गांजा भेजती थी और उससे प्राप्त राशि को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सहित लगभग 10 फर्जी अकाउंट्स में भेजा था. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अकाउंट नंबर- 39161495808 भारतीय स्टेट बैंक, नया घाट शाखा, अयोध्या में यह राशि दी गई. इस मामले में शामिल लोगों द्वारा नकली जीएसटी नंबर्स का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यह तथ्य सामने आया कि दोनों लेनदेन धोखाधड़ी थे और संबंधित अकाउंट्स भी धोखाधड़ी हैं.
भरतिया और खंडेलवाल ने बताया कि आरबीआई ने 24 नवंबर 2009 को सभी बैंकों, पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स तथा सिस्टम पार्टिसिपेंट्स को पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट, 2007 की धारा 18 के अंतर्गत जारी एक सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा कि ऑनलाइन बिजनेस में सेलर्स की समस्त केवाईसी करने की जिम्मेदारी पेमेंट एग्रीगेटर अर्थात उस पोर्टल की होगी जो बिक्री से प्राप्त राशि ले रहा है. इस मामले में यह जिम्मेदारी अमेजन की थी की जो भी उसके पोर्टल पर रजिस्टर्ड हों, वो सही और अधिकृत हो जबकि इस मामले में कैसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को विक्रेता के रूप में रजिस्टर किया गया और कैसे गांजा की राशि इस अकाउंट में जमा की गई. उससे यह साफ है कि रिजर्व बैंक के आदेश का पालन भी नहीं किया.
उन्होने कहा कि देश में यदि एक छोटे व्यापारी को भी व्यापार करना हो तो तरह-तरह के लाइसेंस आदि लेने पड़ते हैं लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर व्यापार करने में कोई परेशानी नहीं है. फर्जी डीलिंग का मतलब है गैर कानूनी काम करना ! आखिर ये सब कैसे हुआ और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र जैसा पवित्र नाम किस तरह से अमेजन के पोर्टल पर सेलर बनाया गया. यह जांच का बड़ा विषय है! भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि उपरोक्त प्रकरण इस तथ्य को दर्शाता है कि अमेजन द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग सेलर्स को रजिस्टर्ड करने में किसी तरह की भी जांच नहीं की गई और न ही लेनदेन पर कोई सतर्कता बरती गई है.
यह एक चिंताजनक बात है कि इसी प्रकार से इस प्रक्रिया के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की जाती हो या राष्ट्र विरोधी एवं असामाजिक तत्वों को फंड ट्रांसफर भी किया जाता हो. इस मामले की तुरंत जांच आवश्यक है और अमेजन सहित अन्य कंपनियों के पोर्टलों पर रजिस्टर्ड सेलर्स की जांच की जाए और उसमें से फर्जी सेलर्स को पकड़ा जाए. बयान में कहा गया कि अमेजन पोर्टल एक मार्केटप्लेस है जहां किसी को भी सेलर्स के रूप में जुड़ना बेहद आसान है. इस नाते से अगर कोई ड्रग डीलर है तो उसे ड्रग बेचने या नकली उत्पाद बेचने से रोकने का कोई तरीका नहीं है.
ऐसे व्यक्तियों को रोकने के लिए अमेजन पोर्टल में कोई भी प्रावधान नहीं है और अगर कोई सिस्टम है तो ऐसे कैसे रजिस्टर्ड किया गया. उन्होंने कहा कि इस मामले में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को जानकारी दे जाएगी और आग्रह किया जाएगा कि वो इस मामले की अपने स्तर पर जांच करे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के सामने भी यह मामला उठाया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जाएगी.
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