इंदौर। शहर में पिछले 10 साल में 30 से अधिक ऐसे अंधे कत्ल हैं, जिनमें आज तक सुराग नहीं लग सका है। अब क्राइम ब्रांच ऐसे मामलों की फाइल दोबारा खोल रही है, ताकि उनका पर्दाफाश किया जा सके। इसके लिए कई टीमें बनाई गई हैं और सभी को टारगेट दिया गया है।
शहर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने पर बाद अपराधों पर नियंत्रण के लिए क्राइम ब्रांच की व्यवस्था भी एडिशनल कमिश्नर राजेश हिंगनकर को दी गई है। उन्होंने कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच के पूरे स्टाफ की बैठक ली थी, जिसमें सभी पुलिसकर्मियों को अंधे कत्लों को सुलझाने के लिए कहा। हिंगनकर के अनुसार पिछले 10 सालों में शहर में हुए कत्लों में से 30 मामले ऐसे हैं, जिनमें आज तक सुराग नहीं लग सका है।
इनमें कई मामले तो ऐसे हैं, जिनमें मृतक की पहचान भी नहीं हो सकी है। कई महिलाओं के अंधे कत्ल के मामले भी नहीं सुलझे हैं। इसके चलते उन्होंने कई टीमें बनाई हैं। सभी टीमों को दो से तीन मामले दिए गए हैं। टीम डायरी देखकर अब तक की जांच, घटना स्थल के अलावा मुखबिर तंत्र के माध्यम से मामले का खुलासा करने का प्रयास करेगी। उनका कहना है कि जल्द ही पुलिस कुछ अंधे कत्लों से पर्दा उठाएगी।
खजराना में बायपास पर पंप के पास मैदान में मिली महिला की जली लाश, विजयनगर थाने के सामने मैदान में मिला एक व्यक्ति का जला हुआ शव। दोनों मामलों में मृतकों की शिनाख्त नहीं हुई है। दो मामले बाणगंगा और परदेशीपुरा के हैं, जिनमें बोरी में कटी हुई लाश मिली थी। इसके अलावा देहात क्षेत्र के भी कुछ मामले हैं, क्योंकि पहले यह क्षेत्र इंदौर की सीमा में आता था।
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