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    मौलाना के तिलिस्म में मदरसों का मायाजाल

  • April 08, 2022

    • शिक्षा के मंदिर की आड़ में बच्चों की तालीम पर सवाल
    • तीन मदरसों को चलाने मौलाना को कहां से हो रही है फंडिंग ?

    जबलपुर। अग्निबाण द्वारा पिछले अंक में मौलाना इम्तियाज उल कादरी की काले चि_ों के कारनामों को उजागर किया गया था और पाठकों को इस बात से अवगत कराया था कि कैसे धर्म की आड़ में मौलाना इम्तियाजुल द्वारा जमीनों के काले कारोबार का संचालन किया। इसी कड़ी में मौलाना ने धर्म की दुकान चलाने के लिए मदरसों का सहारा लिया जिसमें कि मदरसों में कम उम्र के बच्चों को अपने जुलूस में ले जाकर विभिन्न प्रकार के विवादों में शामिल किया गया। मौलाना द्वारा मदरसे की जमीनों पर कब्जा तो किया और उसमें भी अवैध प्लाटिंग कर दी। उसके अलावा मौलाना द्वारा 3 मदरसों का संचालन किया जा रहा है। जहां पर बच्चों को किस प्रकार की तालीम दी जाती है, इस पर भी क्षेत्रवासियों द्वारा कई बार सवाल खड़े किए गए हैं इसके साथ ही मंडे को भी लेकर कई प्रकार की बातें सामने आती रही है।


    फंडिंग पर सवाल
    केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार 2018-2019 में देश में कुल मदरसों की संख्या लगभग 24 हजार थी। इनमें तब लगभग 5 हजार मदरसे ऐसे थे, जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थे। हालांकि ये संख्या सिर्फ उन मदरसों की हैए, जिन्होंने सरकारी मान्यता हासिल करने के लिए आवेदन किया। इसी प्रकार जबलपुर शहर में मौलाना इम्तयाजुल द्वारा स्वयं 3 मदरसे चलाए जा रहे हैं। मदरसे की जमीन में मौलाना ने अवैध प्लाटिंग का कार्य किया था, जिसका खुलासा अग्निबाण अपने पिछले अंकों में कर चुका है। सबसे प्रमुख बात मदरसों की फंडिंग की है । वैसे तो मौलाना के पिता भूरे पहलवान एक मैकेनिक हुआ करते थे। वहां इतनी संपत्ति कुछ ही सालों में अपने आप बना लेना और कई प्रकार की अवैध प्लाटिंग करते हुए अकूट दौलत बनाना। इस प्रश्न को जन्म दे रहा है कि आखिर मौलाना के पास इतनी दौलत आ कहां से रही है जहां वह धर्म की आड़ में एक भू-माफिया तो है ही वही भोले भाले बच्चों का उपयोग करते हुए इस प्रकार से 3 मदरसों का संचालन कर रहा है।

    कितने मदरसों की है मान्यता
    मदरसा शिक्षा जिसको लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। सवाल भी ऐसे यहां इतने मदरसे खोले जाते हैं वहां मुस्लिम युवा शिक्षा से ही दूर क्यों रहते हैं, यह बात समझ से परे हो जाती है। सामान्यता मदरसे सामाजिक शिक्षा देने की बात तो करते हैं, परंतु कुछ मदरसों में हमेशा से अनैतिक गतिविधियों का होना पाया जाता रहा है। इसलिए एक देश एक शिक्षा का संदेश देते हुए कुछ राज्यों ने मदरसे ही बंद करने का फैसला लिया है। शहर में जितने भी मदरसे चल रहे हैं उनमें कितने की मान्यता है और किस प्रकार से इन मदरसों को चलाया जा रहा है यह प्रशासनिक जांच का विषय है!

    खुद कर रहा है तीन मदरसों का संचालन
    मौलाना इम्तियाज उल कादरी जोकि अपने आपको जबलपुर का मुफ्ती कहलवाना पसंद करता है तथा जिसके पास मुफ्ती की पढ़ाई की किसी भी प्रकार की कोई डिग्री नहीं है। वह स्वयं 3 मदरसों का संचालन कर रहा है जिसमें कि 2 मदरसे रजा चौक और एक मदरसा गोहलपुर के पास चल रहा है। सूत्रों के अनुसार इन मदरसों की आड़ में धार्मिक कट्टरता की शिक्षा दी जा रही है और बहला-फुसलाकर धार्मिक जुलूसों में ले जाया जाता है जहां पर जुलूस के दौरान विवादों में इन्हीं छोटे-छोटे बच्चों का उपयोग करके उन्माद फैलाया जाता है।

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