रालामंडल में 10 लाख की लागत से आया ऑटोमैटिक टेलीस्कोप
अगले सप्ताह होगा ट्रायल
इंदौर। रालामंडल अभयारण्य (Ralamandal Sanctuary) में प्रकृति (Nature) की मनमोहक झलक के साथ ही विभिन्न प्रकार के जानवर (Animals) तो पर्यटकों (Tourists) को देखने को मिल ही रहे हैं, वहीं अब जमीन पर बैठे-बैठे आसमान (Sky) के तारे (Stars) और ग्रह ( Planets) भी देख सकेंगे।
अभयारण्य अधीक्षक दिनेश वास्केल ने बताया कि लगभग 10 लाख की लागत से ऑटोमैटिक (Automatic) टेलीस्कोप (Telescope) अभयारण्य में लाया गया है, जिसे अभी बंद डिब्बे में रखा गया है। दो-तीन दिन में एक्सपर्ट आएंगे और उन्हीं के सामने खोलकर ट्रायल शुरू किया जाएगा। अधिकारियों द्वारा टेलीस्कोप को पहाड़ी के ऊपर ही फिट करने का प्लान किया गया है, लेकिन अभी फाइनल नहीं हुआ है। एक्सपर्ट जहां बताएंगे वहीं फिट किया जाएगा।
पांच साल पहले बनी थी योजना
उल्लेखनीय है कि तकरीबन 5 साल पहले विभाग द्वारा पर्यटकों को नई सुविधा देने के लिए योजना बनाई गई थी। चूंकि रालामंडल पहाड़ी शहर की सबसे ऊंची जगह मानी जाती है, इसलिए तत्कालीन वन संरक्षक वीके वर्मा ने 2017 में होलकर साइंस कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर राम श्रीवास्तव के साथ अभयारण्य में पर्यटकों को तारामंडल दिखाने के लिए योजना बनाई थी। इस प्रस्ताव पर शहर के एक उद्योगपति द्वारा टेलीस्कोप दान में देने की हरी झंडी भी दी गई थी। इसी बीच वर्मा का ट्रांसफर हो गया था, जिसके कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
अभयारण्य में होलकर राजघराने के इतिहास की झलक
अभयारण्य में होलकर वंश के राजा-महाराजाओं के इतिहास की झलक दिखती है। यहां शिकारगाह को म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है, जिसमें होलकरकालीन शस्त्र, कवच, आभूषण, बर्तन और शिकार की गई ट्रॉफी है। इसके अलावा होलकर रियासत के 14 राजाओं की फोटो भी हैं।
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